जशपुरनगर. जिले के सिविल हॉस्पिटल पत्थलगांव से मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर के लिए रेफर किया गया था। गर्भवती महिला को रास्ते में ही तेज प्रसव पीड़ा होने लगा। 108 की स्टॉफ ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया।
मिली जानकारी के अनुसार 30 वर्षीय गर्भवती महिला अंजू एक्का को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने सिविल हॉस्पिटल पत्थलगांव में एडमिट कराया था। परंतु केस क्रिटिकल होने पर डॉक्टरों द्वारा मेडिकल कालेज से अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया। और इसकी सूचना 108 को दी गयी।
सूचना मिलते ही 108 के पायलट संतोष कुजूर और ईएमटी कन्हैय्या लाल कुर्रे तुरंत हॉस्पिटल पहुँचें और गर्भवती महिला को लेकर हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए। कुछ ही दूरी तय करने के पश्चात गर्भवती अंजू को बतौली के पास तेज प्रसव पीड़ा होने लगा। ऐसे में ईएमटी कन्हैय्या ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए सर्वप्रथम ईआरसीपी के माध्यम से डॉक्टर वजस को वस्तुस्थिति से अवगत कराया और उनके सलाहनुसार परिजनों से बातकर गर्भवती महिला की स्थिति को देखते हुए एम्बुलेंस में ही प्रसव कराने का निर्णय लिया।
एम्बुलेंस को रोड के किनारे सुरक्षित जगह खड़ा किया गया और प्रसव का प्रक्रिया प्रारंभ की गई। कुछ ही क्षणों पश्चात एम्बुलेंस में बच्चे की किलकारी गूंजने लगी। महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। इसके पश्चात माँ -बेटे को मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर ले जाया गया। परिजनों ने सुरक्षित प्रसव के लिए 108 टीम को धन्यवाद दिया।
108 शिवशंत कुमार जिला प्रभारी ने बताया कि
केस क्रिटिकल होने पर सिविल हॉस्पिटल पत्थलगांव से मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर रेफर किया गया था।लेकिन गर्भवती महिला को रास्ते में ही तेज प्रसव का पीड़ा होने लगा 108 की स्टॉफ ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराई।