‘गरीब बच्चों को फ्री लैपटॉप-मोबाइल की सुविधा दे सरकार..’ सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी में ऑनलाइन क्लास के लिए गरीब बच्चों के पास लैपटॉप, मोबाइल फोन या पढ़ने के लिए कोई साधन न होने को देखते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को आदेश दिया है. अदालत ने कहा इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदारी लेकर छात्रों को सुविधा प्रदान करनी चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि महामारी के दौरान आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया गया था, क्योंकि वे ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कंप्यूटर का खर्च वहन नहीं कर सकते थे. ऐसे में केंद्र और दिल्ली सरकार उन्हें सुविधाएं देनी चाहिए.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए सवाल किया कि, गरीब बच्चों को ऑनलाइन क्लास की सुविधा कैसे मिलेगी, उसके लिए पैसा कहां से आयेगा, ये बताया जाए. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि दिल्ली की हालत तो फिर भी बेहतर हो सकती है, मगर गांव और आदिवासी इलाकों के बारे में सोचने की आवश्यकता है. वहां बड़ी तादाद में बच्चे स्कूल छोड़ रहे है. ये बेहद गंभीर मामला है और राज्य सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
सर्वोच्च अदालत में इस बात पर चर्चा हो रही थी कि, क्या प्राइवेट स्कूल में EWS कैटेगरी और दूसरे गरीब बच्चों को राज्य सरकार को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मुफ्त सुविधा प्रदान करनी चाहिए. इससे पहले गत वर्ष सितंबर के महीने में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी ऐसे बच्चों को लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल फोन और इंटरनेट पैकेज का खर्च उठाए. ऐसा गरीब बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ बराबरी पर लाने के लिए आवश्यक है. दिल्ली उच्च न्यायालय के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *