सूरत कोर्ट के फैसले का स्वागत किया पूर्व विधायक डॉक्टर खिलावन साहू ने, मामला प्रधानमंत्री मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी का

पूर्व विधायक डॉक्टर खिलावन साहू ने करी शक्ति के रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता

सकती- केंद्र की एनडीए सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विगत महीनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर गुजरात प्रदेश के सूरत कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है तथा इस फैसले का जहां शक्ति विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं प्रदेश भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चे के महामंत्री डॉ खिलावन साहू ने स्वागत किया है तथा डॉ खिलावन साहू ने कहा है,कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी द्वारा देश के प्रधानमंत्री, विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी एवं पूरे मोदी( तेली साहू)को लोकसभा चुनाव के समय कर्नाटक में जातिगत गाली देने व्यथित होकर समाज के लोगो ने सूरत कोर्ट में याचिका दायर की थी, दोनों पक्षों को सुना गया। अदालत ने आरोप को सही पाया और राहुल गांधी के इस कृत्य के लिए अदालत ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है,और इस फैसले का सक्ती विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ,भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश महामंत्री एवं जिला साहू संघ सक्ती के अध्यक्ष डॉ. खिलावन साहू ने स्वागत किया है

24 मार्च को शक्ति के शासकीय विश्राम गृह में पूर्व विधायक द्वारा आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ खिलावन साहू ने कहा कि राहुल गांधी के द्वारा जातिसूचक अपमान, मोदी जी के सरनेम पर एक मानहानि के दावा पर, माननीय सत्र न्यायालय सूरत ने अपने फैसले में राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा सुनाया है, राहुल गांधी ने सिर्फ मोदी जी का अपमान नहीं किया है बल्कि पूरे तेली समाज का अपमान किया है और माफी मांगने को भी तैयार नहीं है। राहुल गांधी को अपनी शब्दों की मर्यादा पर ध्यान रखनी चाहिए। पूर्व विधायक ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी हमेशा जाति समाज एवम् संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करते रहा है, जिसे सभी कांग्रेस के लोग समर्थन करते हैं । यह कांग्रेस का मूल चरित्र हो गया है। आने वाले समय में तेली समाज इस जातिगत अपमान के लिए कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाएगी और प्रदर्शन भी करेगी

डॉक्टर खिलावन साहू ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि अदालत का फैसला यह दर्शाता है कि देश का क़ानून और देश का संविधान सबसे ऊपर है और उसकी नजर में देश के सभी नागरिक समान हैं। अदालत का निर्णय यह भी सिद्ध करता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि उसने अपराध किया है तो उसे सजा जरूर मिलेगी,राहुल गाँधी ने देश के मोदी (तेली,साहू) एवं ओबीसी समाज के बारे में जो अनर्गल और आपत्तिजनक बातें कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनाव में की थी, उसकी हम सबने तब भी निंदा की थी, आज भी निंदा कर रहे हैं क्योंकि उनकी बातें काफी अपमानजनक थी

भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा छत्तीसगढ़ प्रदेश के महामंत्री डॉ खिलावन साहू के अनुसार अदालत द्वारा सजा सुनाने के बावजूद जिस तरह से राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी के नेता उन अपमानजनक बातों को सही ठहरा रहे हैं, वह बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मंशा क्या है और देश के ओबीसी समाज के बारे में उनकी सोच क्या है। राहुल गाँधी अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं,क्या देश की जनता के खिलाफ देश के एक बड़े नेता का ऐसा निंदनीय बोलना उन्हें शोभा देता है? क्या यह देश के संविधान का अपमान नहीं है? क्या यह आत्मसम्मान के साथ जीने वाले सभी गरीब लोगों का अपमान नहीं है? क्या राहुल गाँधी देश से और देश के संविधान से इतने बड़े हो गए हैं कि हमें गाली देने का उन्हें अधिकार मिल गया है? माफी मांगना तो दूर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के तमाम नेता जिस तरह से इसे सही ठहराने में जुटे हुए हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि वे हमारा अपमान ही अपना नैतिक धर्म समझते हैं,राहुल गाँधी ये मानना छोड़ दें कि वह और उनका परिवार देश से ऊपर है। यदि राहुल गाँधी और देश की जनता को लगता है कि वे देश के संविधान और देश के क़ानून से ऊपर हैं तो ये उनकी भूल है। राहुल गाँधी जी और कांग्रेस के नेता यदि मानते हैं कि वे अपने ही देश के नागरिक को अपशब्द कह सकते हैं तो देश की जनता को भी देश के संविधान ने आपके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का अधिकार दिया है

डॉक्टर खिलावन साहू ने कहा कि देश के ओबीसी समाज को गाली देना आपका अधिकार नहीं हो सकता राहुल गाँधी जी। और, जब कोर्ट इसको लेकर आपको सजा सुनाती है , तो संसद की कार्यवाही कांग्रेसी एवं विपक्षी दल के सांसद बाधित कर रहे हैं देश में जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर आ रहे हैं देश की जनता इसको देख रही है|

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