बालोद आरटीओ में 38 घंटे की जगह आठ घंटे में ले रहे ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट, आरटीओ की भूमिका को लेकर उठ खड़े हुए हैं सवाल

बालोद- अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो आपको ड्राइविंग टेस्ट से होकर गुजरना पड़ता है, जिसके लिए दिन में एक समय निर्धारित होता है। इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिए आपको अपॉइंटमेंट लेनी पड़ती है। लेकिन एक बड़ी कमी इस पूरे सिंडिकेट में फैले करप्शन की है। लर्नर लाइसेंस बनवाना हो या लर्निंग से परमानेंट लाइसेंस तक की जंग लड़नी हो, आपके पास दो तरीके हैं। या तो आप आरटीओ के चक्कर लगाने में माहिर हों या फिर आप पॉवर और जुगाड़ रखते हों। इलाके में आपके किसी ख़ास का भौकाल हो। अगर दोनों तरीके अपनाना आपके लिए संभव नहीं है तो तीसरा विकल्प ही बचता है। वो है करप्शन के सिंडिकेट के लिए दुधारू गाय बन जाना।

38 घंटे की जगह आठ घंटे में ले रहे ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट-
विभागीय सूत्र बता रहे कि बालोद आरटीओ में रोजाना 300 लर्निंग और परमानेंट डीएल दिए जा रहे है। एक लर्निंग व एक परमानेंट डीएल बनाने से पहले लिए जाने वाले वाहन टेस्ट में कितना समय लगता है। बालोद आरटीओ की भूमिका को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं। कहा जा रहा कि आरटीओ से रोजाना लगभग 300 लर्निंग एवं परमानेंट डीएल महज आठ घंटे (एक दिन) में कैसे बन जाते हैं। जबकि लर्निंग व परमानेंट डीएल डीएल के वाहन टेस्ट में क्रमश: तीन मिनट और 10 मिनट लगना चाहिए। इस हिसाब से 300 लाइसेंस बनने में करीब 38 घंटे लगने चाहिए।

घूस दिए बिना नहीं बन सकता ड्राइविंग लाइसेंस-
आरोप लग रहा कि बालोद आरटीओ वाहन टेस्ट लिए बिना ही डीएल बना रहा है। इसकी आड़ में दलालों की दुकानें चल रही हैं। एक दलाल बिना टेस्ट के परमानेंट डीएल के लिए 1 हजार 200 रुपये और लर्निंग डीएल की 500 घूस दे रहा है और इसका दोगुना आवेदकों से वसूल रहा है। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि यदि आवेदक दलाल के जरिये डीएल बनवाने न जाएं या फिर ऊपर से सिफारिश न लगवाएं तो वह टेस्ट के दौरान फेल हो जाते हैं। वाहन चलाने के टेस्ट में फेल होने पर दोबारा टेस्ट फीस भरनी पड़ती और दौड़ अलग से लगानी पड़ती है।

ऐसे करे टेस्ट समय की गणना-
एक लर्निंग डीएल के टेस्ट में तकरीबन 3 मिनट का समय लगता है। 100 लर्निग डीएल में कुल समय लगेगा 300 मिनट याने लगभग 5 घंटे। एक परमानेंट डीएल के टेस्ट में करीब 10 मिनट का समय लगता है। ऐसे में 200 परमानेंट डीएल टेस्ट में 2 हजार मिनट लगना चाहिए। यानी कुल समय 33 लगभग घंटे। लर्निंग और परमानेंट डीएल बनाने में कुल समय 38 घंटे।

इसलिए बढ़ रहे सड़क हादसे-
सोशलिस्ट का कहना है कि बालोद आरटीओ में जो लोग कार एवं दोपहिया वाहन नहीं चला पा रहे हैं, उनको भी डीएल जारी किया जा रहा है। इसके कारण सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। परिवहन अधिकारी से सही तरीके से टेस्ट लेकर पास होने वालों को डीएल जारी करने की मांग उठ रही है।

फल फूल रहा भ्रष्टाचार, पूछे जाने पर भी जानकारी नहीं दे रहे हैं कर्मचारी-
जिले के परिवहन विभाग में जमकर भ्रष्टाचार फल फूल रहा है। चाहे वह लाइसेंस बनवाने का काम हो या आटो डीलर को ट्रेड चाहिए हो या पुरानी गाड़ियों को फिटनेश चाहिए हो, मोटी रकम चुकाने के बाद यह सारे काम आसानी से हो जाते हैं। परिवहन विभाग में लाइसेंस बनवाने के लिए सामान्य व्यक्ति को दफ्तर के चक्कर के काटने पड़ते हैं, लेकिन बाहर बैठे एजेंट 3 हजार से लेकर 35 सौ लेकर यह काम आसानी से कर देते हैं। बगैर ड्राइविंग टेस्ट दिए ही टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक के लाइसेंस बनाए जाते हैं। मामले में अधिकारी सीधे जवाब देने से बच रहे हैं। आरटीओ विभाग के कर्मचारी पूछे जाने पर भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।

●सीधी बात●
रवि ठाकुर डीएल प्रभारी, जिला परिवहन बालोद

◆सवाल: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की क्या प्रक्रिया है व कितने रुपए लगते हैं ?
जवाब: सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है। ऑनलाइन फार्म भरकर कर दीजिए। पर केटेगिरी लर्निंग का 200 रुपए और परमानेंट का 700-800 के करीब है।
◆सवाल: रोजाना कितने लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस बन रहे है।
जवाब: क्या काम था बताइए।
◆सवाल: प्रतिदिन कितने लर्निंग और परमानेंट डीएल बना रहे है।
जवाब: इसके लिए सर से मिल लीजिये।
◆सवाल: ट्रायल में क्या-क्या होता है और कितना समय लगता है।
जवाब: ट्रायल बुधवार और गुरुवार को होता है। बस आपको गाड़ी चलाकर दिखाना है।
◆सवाल: एजेंट रोज बिना ट्रायल के कई लोगों के लाइसेंस बना रहे हैं, क्या ये संभव है ?
जवाब: मीटिंग में जाना है। अभी मैं आपसे बात नही कर पाऊंगा।

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