उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एमए इंग्लिश में टॉपर रहने वाली छात्रा को प्रोत्साहित करने सक्ती की डॉ.शालू पाहवा ने करी अनुकरणीय पहल

एम ए इंग्लिश में यूनिवर्सिटी स्तर पर टापर रहने वाली छात्रा को प्रतिवर्ष डॉ.शालू पहला स्वर्ण पदक गोल्ड मेडल से किया जाएगा सम्मानित

सक्ती-छत्तीसगढ़ प्रदेश में छात्राओं को उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करने की दिशा में एक अनुकरणीय पहल करते हुए शक्ति शहर के जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय की प्राचार्य एवं सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से दशकों से कार्य करने वाले डॉक्टर शालू पाहवा ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के रायगढ़ जिले के शहीद नंदकुमार विश्वविद्यालय में अपनी ओर से 100000/-एक लाख रुपये की राशि इंडो मेड फंड में जमा करते हुए डॉ शालू पाहवा स्वर्ण पदक के नाम से प्रति वर्ष कला संकाय के अंतर्गत एमए अंग्रेजी की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्रा को स्वर्ण पदक गोल्ड मेडल से सम्मानित करने की पहल की है

    

तथा शहीद नंद कुमार विश्व विद्यालय रायगढ़ द्वारा इस फंड के सुव्यवस्थित संचालन हेतु विश्वविद्यालय द्वारा विनियम डीजीएम 26 का निर्माण किया गया है, जिसे छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में निहित प्रावधान के अनुसार प्रथम कुलपति को प्रदत्त शक्तियों एवं कर्तव्य के अंतर्गत भारतीय कुलपति महोदय द्वारा कार्य परिषद की ओर से अनुमोदित किया गया है, साथ ही शहीद नंद कुमार विश्वविद्यालय रायगढ़ ने उपरोक्त सूचना यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले समस्त शासकीय महाविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्य को इसकी जानकारी जनहित में भी प्रसारित करने की बात कही है

वहीं डॉ शालू पाहवा कि इस अनुकरणीय पहल का लोगों ने स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है, तथा इस संबंध में डॉ शालू पाहवा का कहना है कि वे छत्तीसगढ़ प्रदेश में छात्राओं को उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करने तथा उनकी प्रतिभाओं को सामने लाने की सोच से यह कार्य किया है, तथा उनके द्वारा आगे भी इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे

उल्लेखित हो कि डॉ शालू पाहवा द्वारा स्वर्ण पदक हेतु एक लाख रुपये का सहयोग करने से अब प्रदेश के रायगढ़ यूनिवर्सिटी के अंतर्गत एमए अंग्रेजी में टॉपर रहने वाली छात्रा को इस गोल्ड मेडल का लाभ मिल सकेगा

उल्लेखित हो कि डॉ शालू पाहवा शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक एवं जन सेवा के कार्यों में भी सदैव सक्रिय होकर भूमिका निभाती हैं, एवं कोविड-19 काल में भी उन्होंने जरूरतमंद महिलाओं की जहां सहायता की, वहीं सेवा की भी अनुकरणीय कार्य की है, साथ ही वे राजस्थान प्रदेश के विकलांगों के लिए कार्य करने वाले नारायण सेवा संस्थान उदयपुर में भी निरंतर सहयोग करते हुए दिव्यांगों के क्षेत्र में काम कर रही हैं,साथ ही योग एवं धर्म के माध्यम से भी वे निरंतर सक्रिय रहती हैं

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