देवी-देवता को भोग लगाते समय न करें ये गलतियां, वरना नहीं मिलेगा पूजा का पूर्ण फल

घर में देवी देवता की पूजा करने के साथ भोग लगाने का विधान है। कई लोग तीज-त्योहारों में विभिन्न प्रकार के भोग भगवान को चढ़ाते हैं। माना जाता है कि भगवान की पूजा करते समय भोग जरूर लगाना चाहिए। तभी पूजा पूर्ण मानी जाती है। लेकिन कई बार भोग लगाते समय कुछ गलतियां कर देते हैं। जिसके कारण भगवान रुष्ट हो जाते हैं। जानिए ऐसे ही भोग लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

भगवान का प्रिय भोग

शास्त्रों में गणेश जी, विष्णु जी, शिव जी से लेकर सभी देवी -देवताओं के भोग के बारे में विस्तार से बताया गया है। माना जाता है कि देवी-देवता को उनके अनुसार भोग लगाने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं। लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है, तो आप एक ही प्रकार की मिठाई, मिश्री आदि से भोग लगा सकते हैं।

भोग लगाने के सही पात्र

देवी-देवता को भोग लगाने के लिए हमेशा चांदी, मिट्टी, पीतल या फिर सोने के बर्तन  का इस्तेमाल करना चाहिए। कभी भी एल्यूमिनियम, लोहे, स्टील आदि बर्तनों का इस्तेमाल न करें।

सात्विक हो भोग

देवी-देवता को मिठाईयों के अलावा कई भक्तगण खुद के बनाए गए भोजन का भी भोग लगाते हैं। इसके बाद ही सदस्यों को देते हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा लहसुन-प्याज के बौगर वाला ही भोजन का भोग लगाएं।

भोग लगाने के बाद करें ये काम

कई लोगों की आदत होती है कि देवी-देवता को प्रसाद चढ़ाने के बाद वहीं रख देते हैं। बल्कि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद को सभी लोगों के बीच बांट देना चाहिए। क्योंकि भगवान के प्रसाद लंबे समय रखने से नकारात्मकता आ जाती है।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *