MP के सरकारी अस्पताल में न बिस्तर मिला न इलाज, लाचार बेटी पिता को कंधे पर बिठाकर पहुंची MLA के बंगले

कड़कड़ाती ठंड में जब जिला चिकित्सालय (District hoapital) में बिस्तर भी नसीब नहीं हुआ तो मजबूर बेटी ने अपने बीमार और लाचार पिता को कंधे पर बिठाकर निकल पड़ी। आंखों में बेबसी के आंसू और सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था से नाखुश राम प्रसाद वनवासी को भोपाल, जबलपुर और डिंडोरी (Dindori) के सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज  नहीं मिल सका। मजबूरी में (MLA Omkar singh markam) विधायक ओमकार सिंह मरकाम के बंगले में मदद की आस से पिता और बेटी पहुंचे थे।

एक बेबस बेटी के लाचार पिता का जीवन इस कदर संकट में आ गया है जिसका इलाज भी अब सरकारी अस्पतालों में नहीं किया जा रहा है। हाथों में बॉटल लगाकर उपचारिक इलाज कर इतिश्री करने वाले सरकारी अफसरानों को गरीब और लाचार पिता के आंसू दिखाई नहीं पड़े। डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने पिता और बेटी के दर्द को समझा और फौरी तौर पर नकद राशि की व्यवस्था कर फोन से जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आदेशित कर बेहतर इलाज करने को कहा।

जानकारी के अनुसार 18 वर्षीय रंजीता वनवासी अपने पिता राम प्रसाद को कंधे पर बिठाकर जिला चिकित्सालय डिंडोरी से 2 किलोमीटर पैदल चलकर विधायक ओंकार सिंह मरकाम के बंगले पहुंची थी।

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