शक्ति के शिव भक्तों द्वारा 07 नवंबर को तुर्री धाम में मनाई जाएगी देवों की दीवाली, 2500 दीपो की रोशनी के साथ ही मां गंगे की आरती एवं आतिशबाजी का होगा भव्य कार्यक्रम

शक्ति अंचल में पहली बार बाबा भोलेनाथ की नगरी तुर्री धाम में देव दिवाली कार्यक्रम का होगा आयोजन

शक्ति के महाकाल के संचालक सोनू अग्रवाल एवं विकास ट्रेडर्स के संचालक विकास अग्रवाल बंटी सहित सदस्यों नागरिकों से की तुर्री धाम पहुंचने की अपील

सक्ती– पूरी दुनिया में दीपावली का पर्व जहां उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ आयोजित कर भगवान गणेश जी एवं माता लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है,तो वही दीपावली के पश्चात आने वाला एक विशेष दिवस जो कि इस वर्ष 7 नवंबर को है, एवं पुरातन मान्यताएं हैं कि यह दिन देवों की दीपावली के रूप में मनाया जाता है, तथा देवता इस दिन दीपावली के रूप में इसे मनाते हैं, तथा शक्ति शहर के भी शिव भक्तों ने धार्मिक क्षेत्र में एक प्रयास करते हुए आगामी 07 नवंबर दिन- सोमवार को शाम 5:00 बजे से शक्ति से लगे प्रसिद्ध तुर्रीधाम जहां कि प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग सावन माह में कावड़ के माध्यम से जलाभिषेक करते हैं एवं इस तुर्री धाम में विभिन्न देवी- देवताओं के मंदिर तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा अपने कुल देवताओं के भी भी मंदिरों की स्थापना की गई है

एवं 07 नवंबर को इस अवसर पर शिव भक्तों ने देव दिवाली के रूप में इस आयोजन को किया है,जिसमें 2500 दीपो की रोशनी के साथ ही मां गंगे की आरती एवं भव्य आतिशबाजी का प्रदर्शन होगा, साथ ही भगवान शिव जी की भी आरती, एवम पूजा- अर्चना संपन्न होगी एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा, शिव भक्तों द्वारा तुर्रीधाम में 07 नवंबर को प्रथम दीपोत्सव कार्यक्रम के रूप में इस देव दिवाली का आयोजन किया जा रहा है, तथा इस कार्यक्रम से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए शिव भक्तों के मोबाइल नंबर- 08234888382, एवं 9131351212 पर संपर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है

उपरोक्त कार्यक्रम के संबंध में शक्ति के प्रतिष्ठित महाकाल के संचालक सोनू अग्रवाल एवं विकास ट्रेडर्स के संचालक विकास अग्रवाल (बंटी) ने बताया कि तुर्रीधाम में पहली बार इस देव दिवाली का प्रथम दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लोग सपरिवार अवश्य पहुंचे तथा इस देव दिवाली के कार्यक्रम में पूजा- अर्चना के माध्यम से अपनी आस्था व्यक्त करें, साथ ही शक्ति के शिव भक्तों द्वारा इस देव दिवाली आयोजन को लेकर भी इसका भव्य रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, एवं भक्तों का कहना है कि अधिक से अधिक लोग देव दिवाली के इस आयोजन में पहुंचेंगे तो यह प्रथम दीपोत्सव का कार्यक्रम पूरे क्षेत्र सहित प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी एक अलग आयोजन के रूप में आने वाले वर्षों के लिए स्थापित किया जा सकेगा

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