चुनाव पूर्व कर्मचारियों की मांगे- शासकीय कर्मचारियों ने वेतन विसंगति दूर करने शक्ति कलेक्टर को प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम सौंपा ज्ञापन, छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ ने दिया ज्ञापन

सक्ति– छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ पंजीयन क्रमांक -79 के द्वारा वेतन विसंगति दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव के नाम वेतन विसंगति के संबंध में शक्ति कलेक्टर नूपुर रात्रि पन्ना को उनके कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौपा गया, इस दौरान छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह ठाकुर के नेतृत्व में सभी कर्मचारी पहुंचे हुए थे इस दौरान प्रमुख रुप से लिपिक संघ जिला सकती के संरक्षक रमेश तिवारी , विजय बहादुर , अधिकारी कर्मचारी फ़ेडरेशन के जिला संयोजक राधेलाल भारद्वाज ,यशवंत चौधरी , उपेन्द्र कुशवाहा , धरणीधर पटेल , राधिनी मेहरा , राजेन्द्र सोनी , सुमति बेतकर , मनोज यादव , राज सोनी ,देवेन्द्र कुमार पात्रे , कुलदीप महाराणा , शिशिर गुप्ता , के आर आदित्य, भागीरथी सिदार , सत्यनारायण शर्मा , गोपालराव पिम्पलापुरे सहित लिपिक उपस्थित रहे, तथा उपरोक्त ज्ञापन के बाद जानकारी देते हुए अविनाश सिंह ठाकुर जिला अध्यक्ष छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ पंजीयन क्रमांक- 79 जिला शाखा सक्ति छत्तीसगढ़ ने बताया कि शक्ति कलेक्टर को प्रेषित ज्ञापन में संघ द्वारा कहा गया है कि

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण से लिपिक संवर्गों के वेतनमानों में निरंतर क्षरण को दूर करने तथा लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के सामान्य हितों का संरक्षण एवं लिपिकों के हितों के लिए लिपिक संघों द्वारा निरंतर संघर्ष किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा लगभग सभी वर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन विसंगति का मामला निराकृत किया जा रहा है,छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लिपिक संवर्गों के वेतनमान के निराकरण करने हेतु उच्च स्तरीय समिति गठित की गई। समिति द्वारा अनुशंसित अनेक संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन कर निराकरण किया गया किन्तु जिस संवर्ग (लिपिक) के लिए समिति का गठन किया गया समिति द्वारा अनुशंसा के पश्चात भी लिपिकों के वेतनमानों में उन्नयन नहीं किया गया। उक्त समिति द्वारा जिन संवर्गों के वेतनमान के उन्नयन के लिए अनुशंसा नहीं भी की गई थी, उन संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन शासन द्वारा किया जा चुका है। जिसके कारण लिपिक संवर्ग में कुण्ठा एवं निराशा का वातावरण निर्मित हो रहा है,यदि शिक्षकों एवं लिपिकों के वेतनमान का तुलनात्मक अध्ययन किया जाये तो विगत 35-36 वर्षो से लिपिकों के वेतन में निम्नानुसार विसंगति है

ज्ञात हो कि दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं, तथा राज्य के कर्मचारी/ अधिकारी संगठनों द्वारा निरंतर अपने हित में की जा रही मांगों को लेकर एक बार फिर से सक्रियता दिखाई जा रही है, तथा कर्मचारी/ अधिकारी संगठनों का कहना है कि राज्य सरकार ने जो वायदे किए हैं उन वायदों को सरकार को पूरा करना चाहिए तथा अब देखना है कि कर्मचारी संगठनों की मांग पर राज्य शासन इसे कितना गंभीरता से लेती है

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