छत्तीसगढ़ में 15 जुलाई तक होगा फसल बीमा: फल-सब्जी-मसाला उत्पादक किसान 5% किस्त चुकाकर करा सकते हैं बीमा…बाढ़-सूखा और बीमारियों में क्षतिपूर्ति मिलेगी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी यानी फल-सब्जी और मसालों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा 15 जुलाई तक कराया जा सकता है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया, तय तारीख तक किसान पांच प्रतिशत की तय किस्त अदा कर फसलों को बीमित कर सकते हैं। इससे उनको खराब मौसम और उसके प्रभाव से हुई बीमारियों से नुकसान में क्षतिपूर्ति मिलेगा।

अधिकारियों ने बताया, उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे किसानों को विपरीत मौसम से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना को पुनर्गठित किया गया है। इसमें कम तापमान, अधिक तापमान, बीमारी बढ़ाने वाले मौसम, कीट-बीमारियों का प्रकोप, कम या अधिक वर्षा की स्थिति, ओला वृष्टि, चक्रवाती हवा से होने वाला नुकसान शामिल है।

बीमा कराने वाले किसानों को अधिसूचित फसल के अनुसार निर्धारित ऋणमान का 5% बीमा किस्त, कृषक अंश के रूप में जमा करना होगा। यह ऋणी और अऋणी दोनों प्रकार के किसानों को करना होगा। खरीफ-2022 के लिए सरकार ने टमाटर, केला, बैंगन, मिर्च, अदरक, पपीता और अमरूद को बीमा के लिए अधिसूचित फसल घोषित किया है। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया, बीमा कराने हेतु चॉइस सेंटर, बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि, लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा एवं सहकारी समिति को अधिकृत संस्था बनाया गया है।

बीमा कराने के लिए यह जरूरी होगा

अधिकारियों ने बताया, फसल बीमा कराने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी। अऋणी कृषक फसल लगाने का प्रमाण पत्र, नक्शा, खसरा, आधार कार्ड, आईएफएससी कोड, शाखा, खाता संख्या इत्यादि का स्पष्ट उल्लेख वाले अपने बैक पासबुक की छायाप्रति शामिल है।

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