मानसून सर पर और किसान परेशान, केसीसी के लिए किसान लगा रहे रोजाना समितियों का चक्कर
बीजापुर -: प्रदेश संगठन के आह्वान पर प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारीयों की लंबित मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति द्वारा शासन की महत्वपूर्ण जन कल्याणकारी योजनाएं जैसे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद-बीज, केसीसी ऋण वितरण, वर्मी कम्पोस्ट खाद आदि का सफल संचालन इन समिति के माध्यम किया जाता है। इनके हड़ताल पर जाने से किसानों को बैंक के माध्यम से कृषि ऋण, धान,खाद जैसे अन्य सुविधा मिलना मुश्किल हो गया है। मानसून सर पर और किसान परेशान, जिले के अत्यधिक क्षेत्र पहुँचविहीन एवं संवेदनशील है जहाँ बरसात के दिनों में आना जाना आसान नही होता है। पहाड़ियों एवं नदी नालों में पानी भरने से धान खाद ले जाने समस्या होती है। जिले में 26 धान खरीदी केंद्र में 80 कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से किसानों की समस्या और बढ़ गई है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ किसानों के सुविधा के लिए सहकारि समिति प्रथम सीढ़ी है, वही सहकारी समितियों में कार्यरत 13000 कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन एवं नियमित तथा अन्य सुविधाओं से वंचित रखा गया है, उक्त सभी कर्मचारियों का भविष्य पूर्णता अन्धकारमय है पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के हतोत्साहित तथा भविष्य को लेकर काफी चिंतित कर्मचारी अपने प्रमुख तीन सूत्रीय मांगो को लेकर धरने पर है। मुख्य मांगो में नियमितिकरण प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों का नियमितिकरण किया जायें। अन्य विभाग के वेतनमान सरकारी कर्मचारी की भाँति नियमित कर वेतनमान दिया जाये। प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को बैंक के रिक्त पदों पर समिति के समस्त कर्मचारियों को संविलियन के माध्यम से किया जाये प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाय। हड़ताली कर्मियों में अध्यक्ष विष्णुप्रसाद साहू, उपाध्यक्ष अलमरान खान, सचिव रामेश्वर भगत, चिंतेश्वर साहू, बेमुला भास्कर, मनीष झाड़ी, सम्मेया झाड़ी, कृष्णा झाड़ी, मोरेश्वर रोकड़े प्रकाश एनल, गोपाल लम्बाड़ी, मंगलसाय, नरेन्द्र झाड़ी, संदीप साहू सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।