CM भूपेश बघेल ने कहा-आदिवासी संस्कृति छत्तीसगढ़ की जड़ों में, विश्व मंच के रूप में उभर रहा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासी संस्कृति छत्तीसगढ़ की जड़ों में गहराई तक बसी हुई है। हमारी सरकार ने पिछले तीन सालों में आदिवासियों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं और कई विकास योजनाओं की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि, आदिवासियों के लिए विश्व मंच के रूप में छत्तीसगढ़ उभर रहा है। मुख्यमंत्री बघेल नेशनल आदिवासी डांस फेस्टिवल के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।

आदिवासियों को एक प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और विरासत को संरक्षण देने के लिए आदिवासी डांस फेस्टिवल एक प्रयास है। इस फेस्टिवल का उद्देश्य दुनियाभर के आदिवासियों को एक प्लेटफार्म पर लाना है। इसके जरिए वे एक दूसरे से जुड़ सकें और उनकी संस्कृति को संजोकर रख सकें। अपनी संस्कृति और अपनी ताकत को आगे बढ़ने के लिए संजोएं। कहा कि छत्तीसगढ़ को आदिवासियों के लिए विश्व मंच बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक लघु वनोपज का उत्पादन
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक लघु वनोपज का उत्पादन दर्ज किया गया है, जो देश की कुल खरीद का 73 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि आज जनजातियों को उनके वनोपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है। हम 75 वनोपज एमएसपी में खरीद रहे हैं और मूल्य बढ़ाकर उनके लिए एक बेहतर बाजार बनाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को निडर होकर आगे बढ़ने और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए वन अधिकार दिया गया है।

आदिवासियों के पोषण के लिए बाजरा मिशन
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हम व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार प्रमाण पत्र के आवंटन में अग्रणी राज्य हैं। अभी तक 52 लाख एकड़ वन भूमि पर 4 लाख 35 हजार व्यक्तिगत और 35 हजार सामुदायिक प्रमाण पत्र दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाजरा मिशन के माध्यम से, छत्तीसगढ़ ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है कि दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को पोषण भोजन मिल सके।

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