रायपुर। आज किसान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महान किसान नेता और और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए देश के समस्त किसानों को किसान दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा – “देश के किसानों को उनका हक और अधिकार दिलाने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले महान किसान नेता एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम। आपको बता दें सीएम भूपेश बघेल भी एक किसान परिवार से आते हैं और वे हमेशा किसानों और गरीब परिवार के हितों की बातें करते हैं. उन्होंने अनेक योजनाएं किसानों के हित के लिए शुरू की हैं जिससे किसानो को अनेक लाभ मिल रहा है.
किसान हित में दिए आपके बहुमूल्य योगदान के लिए देश में आपकी जयंती को किसान दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। देश के अन्नदाता किसानों एवं समस्त देशवासियों को “किसान दिवस” की ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं।”
कौन थे चौधरी चरण सिंह :-
चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री पद पर होते हुए भी एक किसान नेता के रूप में ही जाने जाते रहे. उन्होंने किसानों के हित के लिए अनेक लाभकारी किये। सन 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्मे चौधरी चरण सिंह 1929 में मेरठ आ गये और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
वे सबसे पहले 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए एवं 1946, 1952, 1962 एवं 1967 में विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने और राजस्व, चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना इत्यादि विभिन्न विभागों में कार्य किया। जून 1951 में उन्हें राज्य के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया एवं न्याय तथा सूचना विभागों का प्रभार दिया गया। बाद में 1952 में वे डॉ. सम्पूर्णानन्द के मंत्रिमंडल में राजस्व एवं कृषि मंत्री बने। अप्रैल 1959 में जब उन्होंने पद से इस्तीफा दिया, उस समय उन्होंने राजस्व एवं परिवहन विभाग का प्रभार संभाला था।
सी.बी. गुप्ता के मंत्रालय में वे सन 1960 में गृह एवं कृषि मंत्री पद पर कार्यरत थे। सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में वे 1962 -63 के दौरान कृषि एवं वन मंत्री रहे। उन्होंने 1965 में कृषि विभाग छोड़ दिया एवं 1966 में स्थानीय स्वशासन विभाग का प्रभार संभाल लिया।
कांग्रेस विभाजन के बाद फरवरी 1970 में दूसरी बार वे कांग्रेस पार्टी के समर्थन से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार का पूरा श्रेय उन्हें जाता है। ग्रामीण देनदारों को राहत प्रदान करने वाला विभागीय ऋणमुक्ति विधेयक, 1939 को तैयार करने एवं इसे अंतिम रूप देने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।