सतनामी समाज के सहोद्रा माता एवं जोगी कुआं (बैकुंठ )में छत्तीसगढ़िया प्रेम यूट्यूब चैनल पर आने वाली है लघु फिल्म

तिल्दा नेवरा डुमहा पुरी धाम, के उपर बनाया गया शार्ट मुवी। हमारे क्षेत्रीय कलाकारों के द्वारा  गुरू घांसीदास बाबा जी के ज्येष्ठ सुपुत्री माता शहोद्रा की महानता को दर्शाया गया है। डुमहा पुरी धाम में चैत्र माह अंजोरी पक्ष एकम व दूज को झांपी मेला के रूप में मनाया जाता है। जहां पर प्रातः स्मरणीय विश्व वंदनीय परम पुज्य संत शिरोमणि गुरु घाॅसीदास बाबा जी ने अपने बेटी शहोद्रा माता को अपना कंठी एवं खड़ाऊ ( जिसे बाबा जी पहनते थे ) को पुजा करने के लिए दे दिये। डुमहा पुरी धाम में जाकर श्रद्धा से मन्नत मांगने पर पुरा होता है। माता शहोद्रा का छोटा बेटा पिला देवान के मठ के पास जाकर अर्जी विनती करने पर गुमें हुए गाय , बैल , भैस का मिलना जरूरी होता है। वहां का जल का उपयोग खेत के फसल में डालने पर रोग मांदी नही रहता है। और गद्दी स्थापना के पास कच्चा पघई से बना ज्योंति कलश जलाया जाता है। आसपास के संत समाज मेला में माता दर्शन के लिए जाते हैं। डुमहा पुरी धाम में सर्व धर्म सर्व समाज के लोग जाते हैं। मेला के समय बाबा गुरु घाॅसीदास जी का मंगल भजन , पंथी , चौका आरती का कार्यक्रम भी होता है। दिवान परिवार एवं सतनामी समाज के संत महंत माता जी के बताए मार्ग पर चलने के लिए संकल्प लेते है। यह शार्ट मुवी दिवान परिवार के पुर्वजों के जानकारी के मुताबिक फिल्माया गया है। जिसे हम ” छत्तीसगढ़ीया प्रेम ” यू ट्यूब चेनल के माध् यम से आप तक पहुंचा रहे हैं। आप लोग अवश्य देखें। ग्राम डुमहा पुरी धाम, जिला बलौदा बाजार से राजधानी रायपुर रोड पर संडी, सेजा के पास स्थित है।

जोगी कुंआ धाम बहेसर ” यह जोगी कुंआ धाम तिल्दा नेवरा के पास बहेसर ग्राम में है। इस धाम का विशेषता ÷ पुर्व में पट पर भांठा पर एक गौटिया ने स्वप्न (सपना) में दो जुना महामंडल सर्प को देखा और जय स्तम्भ व बाबा जी का मंदिर को देखा। शुबह सोकर उठने के बाद गौटिया ने अपना घर परिवार को बताए। घर परिवार के ब्यक्ति स्वप्न के बारे में जानकारी किए। दोनों सर्प को लाकर ढाबा (धान की कोठी ) में रख दिया। गौटिया और ज्यादा पुंजी पति हो गए। गौटिया के दिशा निर्देश पर गुरू घांसीदास बाबा जी का मंदिर व जय स्तम्भ का निर्माण कराया। आज वहां जोगी कुआ धाम में मुख्य रूप से दो मंदिर, तिन स्वेत खाम निर्माण है। जैत खाम के सामने में दो कुंआ ( कुण्ड ) है। जिस कुण्ड के जल को खेत के फसल में डालकर बिमारी से बचाते है। थोड़ा सा आगे चार नग बड़ा बड़ा पत्थर है, जिसे दूसरा छोटा पत्धर से आघात करने पर कांस पितल की तरह आवाज करता है। हमारे क्षेत्रीय कलाकारों के द्वारा ईस शार्ट मुवी को बनाकर आप सब के पास भेज रहे हैं ताकि ईस मुवी को देखें और जोगी कुंआ धाम के बारे मे जाने। इस लघु फिल्म (शॉर्ट मूवी) का निर्माता, निर्देशक और कोरियोग्राफर प्रेम बंजारे, कैमरामैन प्रदीप डोंगरे (भाऊ) इस फिल्म का मुख्य अभिनय ÷ रतन सोनवानी , लछनी सोनवानी लखन राय, पंडीत दिलीप शास्त्री, दिलकुमारी बघेल, प्रेम बंजारे, टापलाल राय, बुधेश्वर बांधे, नेहा जांगड़े, विजय साहू, गीत संगीत गायक दिनेश गायकवाड, इस लघु फिल्म (शॉर्ट मूवी) में एडिटिंग मिक्सिंग मास्टरिंग प्रेम स्टूडियो तिल्दा – विशेष सहयोग गोविंद साहू, सागर भाई – दुबेन्द दास चेलक, नंदकुमार चेलक, चैनदास चेलक, जिवनदास चेलक, संजू चेलक, हिराधर बर्मन, भरतलाल राय , संतोष धिरज, रोमदास बर्मन, धर्मेन्द्र मनहरे, बौनाराम जांगड़े एवं ग्राम बहेसर सतनामी समाज के सभी माता-पिता, भाई-बहन सहपाठी मित्र , छोटे बड़े बालक बालिकाओं ने दिए।

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