पोरथा में चल रही राजेंद्र महाराज की श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने पहुंचे भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत, 4 मई को पूर्व विधायक खिलावन के जन्मदिन पर जिला संगठन प्रभारी भल्ला ने पहुंचकर दी बधाई

सक्ती – सक्ती विधानसभा के पूर्व विधायक डॉ खिलावन साहू के जन्म दिवस पर नगरदा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बधाई देने उनके निवास पहुंचे, भारतीय जनता पार्टी शक्ति जिले के जिला संगठन प्रभारी गुरुपाल सिंह भल्ला, विधानसभा प्रभारी विकास केडिया, जिला कोषाध्यक्ष रामनरेश सिंह यादव, मंडल अध्यक्ष संतोष राठौर, पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रकाश साहू,  उषा साहू,दाऊराम राठौर, रवि गबेल, खोखसा साहू,राजू यादव, सत्येंद्रनाथ सोनी प्रमुख रूप से उपस्थित थे,इस दौरान पूर्व विधायक डॉ खिलावन साहू ने अपने जन्मदिन पर आगंतुक सभी जनों का आत्मीय स्वागत करते हुए कहा कि आप सभी के सहयोग एवं आशीर्वाद से मैं इस मुकाम पर पहुंचा हूं एवं आने वाले समय में भी भाजपा संगठन के दिशा- निर्देशों के परिपालन में पार्टी का काम करूंगा तथा शक्ति विधानसभा क्षेत्र की सेवा करता रहूंगा

भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चंद्रा पहुंचे राजेंद्र महाराज की भागवत कथा श्रवण करने,पोरथा के सरस्वती शिशु मंदिर में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह

सक्ती।– शक्ति से लगे ग्राम पंचायत पोरथा के सरस्वती शिशु मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है,ग्राम पंचायत पोरथा में आयोजित श्रीमद् भगवत कथा के क्षठवे दिन ब्यासपीठ से भागवताचार्य राजेंद्र शर्मा ने कथा श्रवण करने पहुंचे भक्तजनों को कहा कि माता-पिता इस संसार मैं सर्वप्रथम साक्षात देवता है , जिनकी सेवा और सम्मान से संतानों के जीवन में खुशियां और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। भगवान भी इस धरा पर अवतार लेकर अपने माता-पिता की सेवा आज्ञा पालन और भगवान मानकर पूजा करते हैं। भगवान जब राम और कृष्ण के रूप में अवतार लिए तब दोनों ने ही अपने माता-पिता की चरण सेवा के साथ अपने गुरु महाराज के भी सेवा कर दीक्षा प्राप्त किए। माता-पिता और गुरु की चरण सेवा में ही हमारा कल्याण और सुखद भविष्य है, राजेंद्र महाराज ने श्रोताओं से आह्वान किया की अपने माता पिता और गुरु के लिए निष्ठावान बने रहें क्योंकि इन्हीं के चरणों में स्वर्ग है अपने माता-पिता का अनादर करने पर भगवान भी पूजा स्वीकार नहीं करते। संसार में आते ही जब हमने पहली बार स्वास लिया तो हमारे माता-पिता उसके साक्षी हैं इसलिए बेटे और बेटियों का धर्म है कि माता-पिता इस दुनिया से जाते समय आखरी बार श्वास में तो वह भी उनके सामने रहे । अपने माता- पिता के वृद्धावस्था आने पर उनकी सेवा सेवा नहीं करने पर यम के दूत उन्हें दंड स्वरूप उन्हीं के मांस को खिलाते हैं , यह श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध 45 में अध्याय के आठवें श्लोक मैं उल्लेखित हैं, छठवे दिन के भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोपियों के साथ महारास लीला , गोपियों के विरह , कंस वध , श्री कृष्णा और बलराम का अवंतिकापुरी के सांदीपनि आश्रम में वेद अध्ययन तथा दीक्षा , जरासंध के साथ युद्ध और रुक्मणी कृष्ण विवाह की कथा का विस्तार से वर्णन किया गया। कथा व्यास राजेंद्र जी महाराज ने श्रोताओं को कहा कि भगवान की रासलीला देव की लीला नहीं है , इसे वही समझ सकता है जो स्वयं को गोपी बना ले। साक्षात रस रूप तो श्री कृष्ण ही हैं , रस रूप परमात्मा से हमारी आत्मा का मिलन ही महाराज है अर्थात आत्मा का परमात्मा से मिलन का तादात्म्य भाव का नाम ही महारास है, कथा सुनने पहुंचे भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चन्दा,रामनरेश यादव, अमृत लाल साहू,रामनारायण गौतम, प्रेमलाल पटेल आदि भक्तजन पहुंचे। भागवत कथा के यजमान शशि बाला विनोद यादव, निर्मला उमाशंकर राठौर , हर्षिता मुकुंद कृष्ण पांडे द्वारा अधिकाधिक संख्या में कथा श्रवण का पुण्य लाभ प्राप्त करने आग्रह किया गया है

 

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