धर्मशाला के स्थान पर बन रहे अवैध व्यवसायिक कांप्लेक्स निर्माण पर रोक, नियम विरुद्ध दानदाता के दत्तकपुत्र के नाम नामांतरण

सहसमल के पुत्र नही दत्तकपुत्र शांतिलाल जैन, सब जानकार अनुज्ञा जारी किया नगर पंचायत पंडरिया ने, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

कवर्धा :- पंडरिया नगर में पुराना बसस्टैंड के पास वार्ड न. 7 में स्थित वर्षों पुराना जैनधर्मशाला को तोड़कर व्यवसायिक प्रयोजन के लिए कांप्लेक्स निर्माण शांतिलाल जैन पिता स्वर्गीय सहसमल जैन निवासी वार्ड नंबर 8 नगर पंचायत पंडरिया के द्वारा कराया जा रहा है। खसरा नंबर 730/3 खसरा नंबर 733/2 रकबा 0.08 एकड़ भूमि पर निर्मित भवन एवं भूमि को जैन समाज पंडरिया को सार्वजनिक उपयोग हेतु जैन धर्मशाला के नाम पर स्वर्गीय सहसमल जैन के द्बारा दान किया गया था, तब से जैन धर्मशाला के नाम आम लोग जानते थे और उपयोग हो रहा था। कुछ वर्ष पूर्व भवन को बिना किसी सूचना के शांतिलाल जैन के द्वारा तोड़वा दिया गया, तब से भूमि खाली पड़ी है। इस बीच चोरी-छिपे नगर पंचायत पंडरिया ने जैन धर्मशाला को व्यावसायिक कांपलेक्स निर्माण कराने शांतिलाल जैन को 2022 में अनुज्ञा प्रमाण पत्र दे दिया है, जबकि नगर पंचायत पंडरिया कार्यालय को जानकारी है, कि यह जमीन भवन जैन धर्मशाला की है, उस पर सभी प्रकार की टैक्स छूट है, इसकी पूरी दस्तावेज सूचना का अधिकार के तहत निकली गई तब सच्चाई जानकारी में आया है। जिस पर आपत्ति करते हुए आवेदक आशीष जैन ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पंडरिया सहित जिला कलेक्टर, स्थानीय प्रशासन मंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय तक रोक लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग किया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए। अवैध व्यवसायिक कांप्लेक्स निर्माण पर 28/06/2022 को अनुविभागीय विभागीय अधिकारी राजस्व पंडरिया ने आगामी आदेश तक रोक लगा दिया है, उक्त मामले की सुनवाई 6-7-2022 को होना है।

ज्ञात हो कि पंडरिया निवासी आशीष जैन पिता स्वर्गीय ईश्वर लाल जैन ने 23/05/2022 को अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष जनहित में एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें स्वर्गीय सहसमल जैन पंडरिया के द्वारा ग्राम पंडरिया हल्का नंबर 39 राजस्व निरक्षक मंडल व तहसील पंडरिया जिला कबीरधाम छत्तीसगढ की भूमि खसरा नंबर 730/3 रकबा 0.04 एकड़, खसरा नंबर 733/2 रकबा 0.04 एकड़ स्थित है। भूमि को जैन धर्मशाला के नाम से सार्वजनिक उपयोग हेतु जैन समाज पंडरिया को दान किया गया था। उक्तभूमि एवं भवन को दान में देने के पश्चात विधिवत उसकी सूचना नगर पंचायत पंडरिया में भी दी गई थी, इसलिए लंबे समय से उक्त धर्मशाला की भूमि एवं भवन पर नगर पंचायत पंडरिया द्वारा किसी प्रकार का एक भी टैक्स नहीं लिया जा रहा था, अर्थात सर्वजनिक उपयोग होने के कारण नगर पंचायत पंडरिया द्वारा उक्तभूमि एवं उस पर निर्मित भवन को टैक्स से छूट दी गई थी। दान में प्राप्त करने के उपरांत उक्त भूमि एवं भवन का उपयोग आज तक सार्वजनिक तौर पर किया जा रहा था।

गौरतलब हो कि प्राप्त दस्तावेज की कापी अध्ययन करने पर पता चलता है, स्वर्गीय सहसमल का वारिस होने का हवाला देते हुये उक्त सार्वजनिक उपयोग की भूमि एवं भवन पर उनके दत्तकपुत्र शांतिलाल जैन निवासी पंडरिया के द्वारा अवैधानिक रूप से निजी उपयोग के लिए भवन व्यवसायिक कांप्लेक्स निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है, शांतिलाल जैन के द्वारा जिस भूमि एवं भवन पर अपना हक होने का दावा किया जा रहा है। जबकि सहस्माल जैन का अपना कोई संतान नहीं है, शांतिलाल जैन दतकपुत्र है। हालांकि इस लड़ाई को लम्बी चलनी है, कानूनी दांवपेच भी पेचीदा है। जानकार लोगों की माने तो राजस्व मामला की लड़ाई वर्षों गुजर जाती हैं पीढ़ियां लड़ते रह जाती हैं, फिलहाल तो आवेदक के शिकायत पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने निर्माण कार्य में रोक लगा दी है।

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