अमेरिका ने भारत को लौटाई 248 अमूल्य धरोहरें, 12वीं सदी की नटराज प्रतिमा भी शामिल

नई दिल्ली: अमेरिका ने गुरुवार को भारत को 248 प्राचीन बहुमूल्य वस्तुएं वापस कर दीं, जिनका मूल्य लगभग डेढ करोड़ डॉलर यानी 110 करोड़ रुपये है। इन अमूल्य धरोहरों में 12वीं सदी की नटराज की कांस्य प्रतिमा भी शामिल है। ये असाधारण वस्तुएं बीते एक दशक में पांच अलग-अलग आपराधिक जांचों के दौरान जुताई गई हैं। मैनहट्टन के डिस्ट्रिक्ट अटार्नी साए वेन्स जूनियर ने एक बयान में कहा कि ये धरोहरें प्राचीन और आधुनिक भारत के बीच एक कालातीन सांस्कृतिक और लौकिक पुल के समान हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल और अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन के डिप्टी स्पेशल एजेंट इंचार्ज एरिक रोजेनब्लेट की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में ये 248 वस्तुएं भारत वापस ले जाने के लिए सौंप दी गई। इस मौके पर जायसवाल ने मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटार्नी को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। वेन्स ने कहा कि भारत को सौंपी गई प्राचीन वस्तुओं की ये अब तक की सर्वाधिक संख्या है। उन्होंने ये भी कहा कि ये कार्यक्रम उन लोगों को ये बताने का एक संभावित तरीका है कि निजी लाभ के लिए पवित्र मंदिरों से प्रतिमाएं चुराना केवल देश के प्रति नहीं बल्कि देश के वर्तमान और भविष्य के प्रति भी अपराध है।
इन 248 वस्तुओं में 235 जेल में कैद आर्ट डीलर सुभाष कपूर के पास से बरामद की गई हैं। कपूर और उसके सहयोगी भारत से चुराई चीजें मैनहट्टन लाकर कपूर के मेडिसन एवेन्यू स्थित गैलरी के माध्यम से महंगे दामों पर बेचते थे। होमलैंड सिक्योरिटी न्यूयॉर्क के कार्यकारी स्पेशल एजेंट इंचार्ज रिकी पटेल ने कहा कि ये तमाम धरोहरें भारत की व्यापक सांस्कृति विरासत का हिस्सा हैं और वो भारत के लोगों के पास वापस लौट रही हैं।

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