बाबासाहेब के बाद लेखिका मन्नू भंडारी ने दुनिया को कहा अलविदा

हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का देहांत हो गया है. वह 90 साल की थीं. ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नु भंडारी ने सोमवार प्रातः आखिरी साँस ली. मन्नु भंडारी के देहांत से साहित्य जगत में शोक की लहर व्याप्त है. तमाम साहित्यकारों, पत्रकारों, मूवी जगत और राजनीति से जुड़े लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है. सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले लोगों का तांता लग चुका है.
मन्नु भंडारी के पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे. वर्तमान में वह गुडगांव में अपनी बेटी रचना यादव के पास  रह रही थी. वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार थीं. रचना यादव प्रसिद्ध डांसर हैं. पिता राजेंद्र यादव  की मौत के उपरांत  हंस पत्रिका का संचालन और प्रबंधन रचना यादव ही कर रही हैं.
मन्नू भंडारी ने हिंदी साहित्य जगत को एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रदान की है.  प्रसिद्ध निर्देशक बासु चटर्जी ने उनकी कहानी ‘यही सच है’ पर 1974 में ‘रजनीगंधा’ मूवी बनाई गई.

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