6 अक्टूबर को माँ दुर्गा का ‘चक्षु दान’ करेंगी ममता बनर्जी, जानें ‘महालया’ पर क्या है प्रथा

कोलकाता: देशभर में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में है. महालया के साथ ही दुर्गा पूजा का शुभारंभ हो जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महालया से ही दुर्गा पूजा पंडालों में मां दुर्गा के ‘चक्षु दान’ (Chakshu Dan) के साथ दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन आरंभ करेंगी. महालया के दिन शाम तीन बजे ममता बनर्जी नजरूल मंच में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मुखपत्र जागो बांग्ला के उत्सव अंक का लोकार्पण करेंगी.
उसके बाद वे शाम पांच बजे चेतना अग्रनी सार्वजनिन पूजा कमेटी में और जोधपुर पार्क 95 में चक्षु दान करेंगी. बता दें कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा बेहद भव्य तरीके से मनायी जाती है. दुर्गा पूजा के पहले महालया का अपना एक विशेष महत्व है. बंगाल में इस दिन को लोग खास तरीके से मनाते हैं. हिंदू धर्म में महालया का काफी महत्व होता है., यह अमावस्या के दिन मनाया जाता है, जो पितृपक्ष का भी आखिरी दिन होता है.
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, महालया और पितृ पक्ष अमावस्या एक ही दिन मनाया जाता है. इस साल अमावस्या 6 अक्टूबर को आ रही है. महालया के दिन ही मूर्तिकार मां दुर्गा की आंखें बनता है. इसके बाद से मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जाता है. दुर्गा पूजा में मां दुर्गा की प्रतिमा की काफी अहमियत है और यह पंडालों की शोभा बढ़ाती हैं, दुर्गा पूजा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है . इस साल यह 7 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रहा है, जबकि मां दुर्गा की विशेष पूजा 11 अक्टूबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर दशमी तक जारी रहेगी.

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