मंच के शक्ति क्षेत्र के पदाधिकारियों ने एसडीएम के माध्यम से 6 सितंबर को दिया ज्ञापन

मानस मितान मंच छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम सार्वजनिक लोक कलाकारों को कार्यक्रमों की अनुमति देने सौंपा ज्ञापन

आर्थिक बदहाली से गुजर रहे प्रदेश के लोक कलाकार- मांगेराम अग्रवाल अध्यक्ष मानस मितान मंच छत्तीसगढ़ शक्ति

सक्ति– मानस मितान मंच छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष मांगेराम अग्रवाल शक्ति के नेतृत्व में मंच के पदाधिकारी, सदस्यों द्वारा 6 सितंबर को स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय शक्ति पहुंचकर छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा गया है, ज्ञापन में मानस मितान मंच ने कहा है कि विगत मार्च -2020 के बाद से चले कोविड-19 महामारी के चलते पूरे प्रदेश में सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं धार्मिक आयोजनों पर यथास्थिति प्रतिबंध लगा दिया गया था, किंतु अब स्थिति लगभग सामान्य हो गई है, तथा प्रदेश में सभी प्रकार के कार्य धीरे-धीरे आयोजित हो रहे हैं, किंतु प्रदेश के लोक कलाकार एवं प्रवचन कर्ताओं के लिए सार्वजनिक एवं ऐसे धार्मिक आयोजनों पर आज भी प्रतिबंध लगा हुआ है,जिसके चलते प्रदेश के हजारों की संख्या में ऐसे सभी लोक कलाकार एवं मानस प्रवचन कर्ता आर्थिक बदहाली का दंश झेल रहे हैं, एवं कार्यक्रमों का आयोजन न होने के कारण ऐसे सभी कलाकारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे देखते हुए मानस मितान मंच छत्तीसगढ़ आपसे आग्रह करती है कि प्रदेश में वर्तमान सामान्य परिस्थितियों को देखते हुए ऐसे आयोजनों की अनुमति प्रदान की जाए जिससे प्रदेश के इन लोक कलाकारों को पुनः मंच मिल सके, तो वही इनका जीवन यापन भी बेहतर ढंग से हो सके तथा मानस मितान मंच छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनकी इस मांग पर सदभावना पूर्वक विचार करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति देने की मांग की है, 6 सितंबर को मानस मितान मंच छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष मांगेराम अग्रवाल शक्ति के नेतृत्व में एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम सौंपने गए ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष मांगेराम अग्रवाल, कार्यालय प्रमुख कन्हैया दास वैष्णव, सचिव महेश कुमार साहू, भंवर सिंह राठौर, विजय दास महंत, बद्री प्रसाद पटेल मरकाम गोढ़ी, भरत लाल पटेल शक्ति, घनश्याम पटेल मरकाम गोढ़ी, रमेश कुमार चौहान मरकाम गोढ़ी, संतोष कुमार पटेल, लंबोदर प्रसाद साहू,रंभा गिरी गोस्वामी सरजुनी, गुरु प्रसाद गबेल सरजुनी, लक्ष्मण केवट एवं विजय दास प्रमुख रूप से मौजूद थे

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