आइकोनिक सप्ताह, आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वास्थ्य और सुरक्षा विषय पर एक सेमिनार का आयोजन एनएमडीसी, बचेली द्वारा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट एनएमडीसी, बचेली में किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा को बढ़ावा देना था।
भारतीय औद्योगिक कार्यस्थलों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो कि श्रमिकों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर सीधे रूप से प्रभाव डालता है। स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण में कर्मचारियों को कुशल बनाने से ऐसी चुनौतियों से जुड़े जोखिमों को कम करने में सहायता मिल सकती है। इसी कड़ी में एनएमडीसी, बचेली द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता डॉ अरविन्द पांडेय ने अपने विचार स्वास्थ्य और सुरक्षा विषय पर साझा किए।
सेमिनार के दौरान कार्यस्थल वातावरण सुरक्षा (मटेरियल स्टोरेज तथा डिस्पोजल, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी, और कार्यालय सुरक्षा व स्वच्छता), सुरक्षा कौशल पर रौशनी डाली गयी। कार्यस्थल के अंतर्गत वातावरण सुरक्षा एक गंभीर चुनौती साबित हो सकती है इसी कारण कंपनियों को कर्मचारियों के कौशल को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों की सुरक्षा चुनौती को पूरी तरह से समझ सकें।
डॉ अरविन्द पांडेय ने अपने वक्तव्य में मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर रौशनी डाली व सड़क पर वाहन चलाते समय सुरक्षा नियमों का पालन करने को कहा, इसी के साथ उन्होंने हेलमेट व सीटबेल्ट लगाने के महत्व पर भी बात करी जिससे कई दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।साइट पर कई प्रकार के खतरे होते हैं तथा साइट पर किसी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए सुरक्षा व सावधानी के नियमों का पालन करना अत्यंत आव्यशक है। एनएमडीसी अपनी खदानों पर कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बहुत सतर्क व सावधान रहती है ताकि कोई दुर्घटना न घटे।