बारिश से टमाटर, तिवरा समेत सब्जी फसल को भारी नुकसान

दुर्ग। मंगलवार-बुधवार को हुई बारिश से रवि सहित सब्जी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। अंधड़,बारिश से टमाटर,सेमी,भाटा सहित सब्जी की अन्य फसल खेतों में गिर कर पानी में डूब गईं हैं। कुछ सब्जी की फसलें अंधड़ में जड़ सहित उखड़ गई।
बेमौसम बरसात से इस सीजन में सब्जी फसल को दूसरी बार नुकसान पहुंचा है।
जिले में 33 हजार हेक्टेयर में रवि फसल ली जा रही है। जिसमें गेहूं.चना,तिवरा,मक्का,सब्जी सहित अन्य फसलें शामिल है। करीब 10 हजार हेक्टेयर में तिवरा फसल लगाई गई है। वहीं साढ़े सात हजार हेक्टेयर में सब्जी फसल ली जा रही है। मंगलवार रात बारिश के साथ तेज हवाएं भी चल रही थी।
तेज हवाएं व बारिश की वजह से सब्जी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्राम गोढ़ी के किसान आशुतोष वर्मा ने तीन एकड़ में टमाटर की फसल लगाई है। आशुतोष ने बताया कि अंधड़ की वजह से फसल खेत में गिर गई और पानी भरे होने के कारण डूब गई। यहीं के किसान राधेश्याम ने बताया कि उसने दो एकड़ में सेमी लगाई है।
तेज अंधड़ के कारण सेमी जड़ सहित उखड़ गई। किसान ने बताया कि सेमी फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी तोड़ाई कर बाजार में बेचना था। मोहलई के किसान कृष्णा देवांगन ने बताया कि उसने बाड़ी में भाटा और भिंड़ी लगाई है। बेमौसम बरसात से दोनों फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। उसने बताया कि दो महीने पहले भी मौसम खराब होने की वजह से फसलों में रोग लग गया था। टमाटर तो प्रीमेच्योर हो गया था।
समय से पहले टमाटर तैयार होने की वजह से उत्पादन भी अधिक आया और बाजार में अच्छी कीमत नहीं मिली। बोड़ेगांव के किसान रविप्रकाश ताम्रकार ने बताया कि उन्होंने भी बाड़ी में भिड़ी और लौकी लगाया है। बारिश व बदली की वजह से फसलों में कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ रहा है।
किसान झाबेंद्र भूषण वैष्णव ने बताया कि बारिश बहुत अधिक हुई है। सब्जी उत्पादक किसानों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बढ़ जाएंगे सब्जियों के दाम
बाजार में सब्जी इन दिनों काफी महंगी है। सेमी, गोभी, गंवार फल्ली की कीमत 50 से 60 रुपये किलो है। बरबट्टी,टमाटर,लौकी,भिंड़ी भी 30 से 40 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रही है। मौसम में आए बदलाव के बाद सब्जी फसलों को हुए नुकसान का असर इनकी कीमतों पर भी देखने को मिलेगा
आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमत और बढ़ जाएगी। उपसंचालक उद्यानिकी सुरेश ठाकुर ने बताया कि बेमौसम बरसात से उद्यानिकी फसलों को हुए नुकसान के संबंध में जानकारी मंगाई जा रही है।

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