दुर्ग। खरीद केंद्रों से धान उठाव की स्थिति अच्छी नहीं है। नियमित धान का उठाव नहीं होने से केंद्रों में जाम की स्थिति निर्मित होती दिखाई पड़ रही है।
इसे ध्यान में रखते हुए खाद्य विभाग ने जिला विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर धान भंडारण के लिए संग्रहण केंद्रों को खोलने कहा है। संग्रहण केंद्रों में करीब 50 से 60 हजार क्विंटल धान का भंडारण किया जाना है।
जिले के 94 खरीद केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एक दिसंबर से प्रारंभ हुई है। जिले में अब तक 14 लाख 67 हजार 860 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है। जिसमें से मात्र तीन लाख 46 हजार 20 क्विंटल धान का उठाव हुआ है। केंद्रों में अभी भी 11 लाख 21 हजार 860 क्विंटल धान डंप पड़ा हुआ है।
प्रशासन ने खरीदी शुरू होने के तीसरे दिन ही राइस मिलरों के माध्यम से धान का उठाव आरंभ कराया था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही रफ्तार धीमी पड़ गई। स्थिति को देखते हुए निजी परिवहन कर्ताओं के माध्यम से धान का उठाव के लिए ठेका भी किया गया है।
ठेका किए सप्ताह भर बीतने को आया है लेकिन परिवहनकर्ताओं से धान नहीं उठवाया जा रहा है।
चार केंद्रों में स्थिति चिंताजनक
जिले के चार खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां धान की आवक की तुलना में उठाव नहीं हुआ है। इन केंद्रों में 18 से 20 हजार क्विंटल के आसपास धान डंप होना बताया जा रहा है।
खरीद केंद्र कोड़िया में अब तक 27127 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है। वहीं धमधा में सर्वाधिक 35805 क्विंटल,बीजाभाठ में 25400 क्विंटल और फुंडा में 27225 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
दुर्ग के अलावा बेमेतरा जिले का धान भी आएगा
खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर ने बताया कि खरीद केंद्रों में धान की आवक को देखते हुए जिले के पांच संग्रहण केंद्रों में धान का भंडारण किया जाना है। इसके लिए जिला विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर संग्रहण केंद्रों को खोलने कहा गया है।
खरीद केंद्रों से राइस मिलरों के अलावा निजी परिवहनकर्ताओं से भी धान का उठाव कराया जाएगा। संग्रहण केंद्र में दुर्ग जिले के करीब 50-60 हजार क्विंटल धान का भंडारण किया जाएगा। इसके अलावा बेमेतरा जिले के धान का भी भंडारण भी किया जाना है।