नेचर, नर्चर, फ्यूचर’ शीर्षक से तैयार रिपोर्ट –
भारत में एल्युमीनियम एवं इसके वैल्यू एडेड उत्पादों के सबसे बड़े उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम बिजनेस ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के मौके पर टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के साथ कैंपस कनेक्ट प्रोग्राम के तहत वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट (एसडीआर) जारी की है। टेरी एसएएस के छात्रों, पूर्व छात्रों और अध्यापकों ने इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया।
‘नेचर, नर्चर, फ्यूचर’ शीर्षक से जारी वेदांता एल्युमीनियम की सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट में ऊर्जाएवं जलवायु परिवर्तन प्रबंधन, जल प्रबंधन, जैव विविधता प्रबंधन, वायु गुणवत्ता एवं उत्सर्जन नियंत्रण, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, सामाजिक प्रभाव एवं प्रशासन आदि समेत सस्टेनेबल डेवलपमेंट के अहम मानकों पर 2020-21 के दौरान कंपनी के प्रदर्शन को समाहित किया गया है।
रिपोर्ट जारी करते हुए एल्युमीनियम बिजनेस, वेदांता लिमिटेड के सीईओ राहुल शर्मा ने कहा, ‘सस्टेनेबिलिटी के सिद्धांत हमारे कारोबार से जुड़ी हर गतिविधि का अहम हिस्सा हैं। यह हमारे लिए जरूरी है कि संसाधनों के जिम्मेदारी व न्यायिक ढंग से प्रयोग, संसाधनों व प्रक्रियाओं की पूर्ण दक्षता सुनिश्चित करते हुए और कार्बन उत्सर्जन कम करने पर फोकस करते हुए हमारा कारोबारी विकास सस्टेनेबल तरीके से हो। हम लंबी अवधि में अपने परिचालन के डीकार्बनाइजेशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत के सबसे बड़े एल्युमीनियम उत्पादक के तौर पर हम एनवायरमेंट, सोशल एवं गवर्नेंस (ईएसजी) समेत कारोबार के सभी मानकों पर श्रेष्ठता के लिए प्रयासरत हैं।’
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए तैयार रिपोर्ट के कुछ अहम बिंदुओं में शामिल हैं – एल्युमीनियम उत्पादन में ऑपरेशनल एक्सीलेंस पैरामीटर, वेदांता एल्युमीनियम ने 4.19 अरब डॉलर के बराबर आर्थिक मूल्य बनाया और वितरित किया है, क्लाइमेट एक्शन पहल के जरिये एल्युमीनियम बिजनेस ने 2012 के आधार वर्ष की तुलना में जीएचजी उत्सर्जन को 21 प्रतिशत तक कम किया है, ऑपरेशंस के डीकार्बनाइजेशन की दिशा में वेदांता एल्युमीनियम ने 2012 आधार वर्ष की तुलना में 2025 तक जीएचजी उत्सर्जन को 24 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य है। विभिन्न इकाइयों में 16.5 अरब लीटर पानी को रीसाइकिल किया है। जैवविविधता संरक्षण के तहत खनन किए हुए 93 प्रतिशत क्षेत्र का पुनर्वास किया गया है। कोविड महामारी के सामने आने के बाद से वेदांता एल्युमीनियम ने स्थानीय समुदायों, जिला प्रशासनों, राज्य सरकारों, केंद्र सरकार को राशन आपूर्ति, पीपीई, मेडिकल इक्विपमेंट, ऑक्सीजन, वित्तीय सहयोग एवं कई अन्य जरूरतों में मदद की है