हलचल… वसंत बदलें या न बदलें, कलेक्टर बदलेंगे

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वसंत बदलें या न बदलें, कलेक्टर बदलेंगे

कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत को बदले जाने की उम्मीद की जा रही थी। दरअसल प्रशासनिक काम-काज से बाहर निकलकर अजीत वसंत का विवाद राजनीतिक रुप ले चुका है। उनके खिलाफ लगातार मोर्चेबंदी की जा रही है, वसंत को ढाल बनाकर सरकार को भी आड़े हाथ लेने की कोशिश हो रही है। संभव है जब तक अजीत वसंत कोरबा के कलेक्टर रहेंगे, यह राजनीतिक मोर्चेबंदी जारी रहेगी। कहा तो यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने कोरबा कलेक्टर को हटाने का आश्वासन भी दिया है। खैर सच क्या है यह तो मुख्यमंत्री ही जानेंगे? अब कोरबा कलेक्टर हटेंगे या नहीं इसका फैसला तो निकट भविष्य में हो ही जाएगा। लेकिन कलेक्टर बदले जाएंगे यह तय है। दरअसल 2015 बैच के एक आईएएस अफसर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने वाले हैं। उनके लिए केन्द्र की खास डिमांड आई है, ऐसे में उन्हें जल्दी ही रिलीव किया जा सकता है। उनके रिलीव होते ही एक बार फिर कलेक्टरों की सूची जारी हो सकती है। वैसे इस बैच के आईएएस अफसर प्रभात मलिक वर्तमान में चिप्स के सीईओ हैं, वहीं डी. राहुल वेंकट, नुपुर राशि पन्ना, विजय दयाराम के., हरीस एस वर्तमान कलेक्टर हैं। इस आईएएस अफसर के रिलीव होते ही कुछ कलेक्टरों का बदलना तय है।

अभी और इंतजार

कलेक्टर, एसपी कांफ्रेंस के बाद आईपीएस अफसरों की सर्जरी की बात निकलकर सामने आ रही थी, जो दिवाली के कारण टल गई, संभव है इसे राज्योत्सव तक टाल दिया जाए। दरअसल 1 नवंबर से लगातार राज्य में केन्द्रीय नेताओं का जमावाड़ा रहेगा। 1 नवंबर को राज्योत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वहीं राज्योत्सव के समापन में उपराष्ट्रपति का दौरा रहेगा। फिर 15 नवंबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का दौरा प्रस्तावित है। इसी माह 28 से 30 नवंबर तक डीजीपी-आईजीपी कांफ्रेंस भी होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे। कुल मिलाकर एक के बाद एक बड़े आयोजन नवंबर माह में होने जा रहे हैं। संभव है इस कारण से प्रस्तावित ट्रांसफर लिस्ट कुछ दिन के लिए रोक दिया जाए।

इतिहास में पहली बार इतना बड़ा सरेंडर

छत्तीसगढ़ राज्य अपना 25वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। लेकिन इन 25 वर्षों की यात्रा में अनेकों दर्द छुपे हुए हैं, अनेकों घटनाओं ने समूचे राज्य को देश-विदेश में अघोषित रुप से नक्सल राज्य घोषित करके रखा था। कभी यहां भोले-भाले आदिवासी, वनवासी नक्सलियों के खौफ में अपना जीवन व्यतीत करते थे। लेकिन सुशासन वाली विष्णु सरकार और केन्द्र सरकार की इच्छाशक्ति की वजह से अब छत्तीसगढ़ राज्य नक्सल मुक्त होने जा रहा है। बीते दिन विष्णु सरकार के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई, यहां रिकार्ड 210 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया। राज्य सरकार की नीतियों की वजह से नक्सली बंदूक छोड़ संविधान की किताब थामे नजर आये। इतिहास में अब तक का यह सबसे बड़ा सरेंडर है। निश्चित ही इसका श्रेय जवानों के साथ-साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी टीम को भी जाता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अब तक रिकार्ड 70 बार बस्तर का दौरा किया। यह उनकी इच्छाशक्ति को दर्शाता है कि वह बस्तर में खुशहाली लाने और समुचित विकास के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।

दिवाली का तोहफा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जादू सिर्फ सरकार तक सीमित नहीं रहा, वह संगठन के लिहाज से भी इन दिनों सधे हुए निर्णय लेते नजर आ रहे हैं। दिवाली के ठीक पहले निगम मंण्डल के अध्यक्षों को सरकार ने कैबिनेट और राज्य मंत्री का दर्जा देने का ऐलान किया, जिसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। इस निर्णय के बाद राजनीतिक गलियारों में भी जश्न का माहौल है। सरकार के इस निर्णय से निगम मंडल के अध्यक्षों का राजनीतिक कद बढ़ गया है। वह भी पार्टी के भीतर अब सरकार की वाह-वाह करते नजर आ रहे हैं। वहीं सरकार ने शनिवार को दूसरी लिस्ट भी जारी की जिसमें मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा को भी कैबिनेट का दर्जा दिया गया हैं। पंकज झा को पार्टी का एक समर्पित कार्यकर्ता माना जाता है। विपरीत परिस्थतियों में भी पंकज कांग्रेस से दो-दो हाथ करते रहे हैं। पिछले पांच साल जब राज्य में कांग्रेस की सरकार रही तब भाजपा कार्यालय विरान पड़ा रहता था, लेकिन पंकज सोशल मीडिया में डटे रहते थे, कांग्रेस के खिलाफ मुखर होकर आवाज बुलंद करते नजर आते थे, पंकज को कैबिनेट का दर्जा दिए जाने से पार्टी कार्यालय में भी जश्न का माहौल है। कुल मिलाकर सरकार अब कौन से निर्णय कब लेने हैं इसका भी होम वर्क कर चुकी है।

राष्ट्रीय फलक पर चमकता धमतरी

धनहा धमतरी तो आपने सुना ही होगा। धमतरी अब राष्ट्रीय फलक भी चमकता दिख रहा है। दरअसल पीएम जनमन योजना के उत्कृष्ट एवं प्रभावी क्रियान्वन के लिए धमतरी जिले को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्र्रोपदी मुर्मू ने धमतरी कलेक्टर अबिनाश मिश्रा को प्रदान किया है। कलेक्टर के विशेष प्रयास से धमतरी जिले में प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंर्तगत ग्रामीण स्तर पर योजनाओं को पहुंचाने, पात्र हितग्राहियों की समय पर पहचान एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अनेक नवाचार किए गए। यहां समुदाय आधारित भागीदारी और तकनीति नवाचारों के द्वारा योजना को एक जनआंदोलन का रुप दिया गया। हालांकि इसके पहले कलेक्टर कांफ्रेंस में भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धमतरी जिले के कार्यों की सराहना की थी। राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव धमतरी कलेक्टर की पीठ थपथपाई तो वहीं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने धमतरी को पुरस्कार से नवाजा।

विवेक आचार्य और मंत्री

आईएफएस विवेक आचार्य और विभागीय मंत्री राजेश अग्रवाल के बीच इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल इसके पीछे प्रमुख वजह मानी जा रही है, विवेक आचार्य का वन मैन शो। जी हां पर्यटन विभाग में आईएफएस अफसर विवेक आचार्य के इशारे के बिना पत्ता नहीं हिल रहा, जो अब विभागीय मंत्री को कहीं न कहीं खटकने लगा है। हालांकि विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव काफी सुलझे हुए अफसर है, जो विभागीय मंत्री के साथ बेहतर संतुलन बनाकर सरकार की प्राथमिकता वाले कामों के बेहतर क्रियान्वन पर जोर दे रहे हैं।  कहा तो यह भी जाता है कि आईएफएस विवेक आचार्य एक राष्ट्रीय लेवल के नेता के अप्रोच के बदौलत इस विभाग में जमे हुए हैं। लेकिन अब यह दबाव कब तक चल पायेगा फिलहाल इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।

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