चेन्नई: टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास नहीं कर पाए सैकड़ों शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए तमिलनाडु सरकार ने एक आदेश जारी किया, जिसमें बताया गया कि साल 2026 में तीन खास टीईटी परीक्षाएं होंगी। ये परीक्षाएं उन सभी शिक्षकों के लिए होंगी, जो अभी राज्य के प्राथमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में काम कर रहे हैं, लेकिन जिन्होंने अब तक यह जरूरी परीक्षा पास नहीं की है।
बता दें कि प्राथमिक शिक्षा विभाग उन स्कूलों को नियंत्रित करता है जो पंचायत यूनियन, नगरपालिका, कॉरपोरेशन और सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल हैं। इन स्कूलों में काम करने वाले ज्यादातर शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें टीईटी सिस्टम शुरू होने से पहले ही नौकरी मिल गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह जरूरी हो गया है कि हर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के शिक्षक टीईटी पास करें। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि सभी शिक्षक राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त योग्यता के साथ बच्चों को पढ़ा सकें।
अब जो शिक्षक टीईटी लागू होने से पहले भर्ती हुए हैं, उन्हें भी यह परीक्षा पास करनी होगी। इस कदम के बाद शिक्षक बिना टीईटी पास किए अपनी नौकरी तो जारी रख सकते है, लेकिन वे भविष्य में पदोन्नति और अन्य लाभ तभी प्राप्त कर सकेंगे जब वे यह परीक्षा पास कर लेंगे। सरकार ने साल में तीन बार खास टीईटी परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है।
ये परीक्षाएं जनवरी, जुलाई और दिसंबर में होंगी। इससे उन शिक्षकों को कई बार मौका मिलेगा जो अब तक टीईटी पास नहीं कर पाए हैं, ताकि वे बार-बार कोशिश कर अपनी योग्यता साबित कर सकें।
इन परीक्षाओं का आयोजन राज्य का टीचर्स रिक्रूटमेंट बोर्ड (टीआरबी) करेगा। इसके अलावा, सरकार उन शिक्षकों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग सत्र भी रखेगी। ये ट्रेनिंग सत्र सप्ताहांत पर आयोजित होंगे और जिला या राजस्व क्षेत्र स्तर पर होंगे। ट्रेनिंग का उद्देश्य शिक्षकों को उनके विषय की जानकारी और पढ़ाने के तरीकों को बेहतर बनाने में मदद करना है ताकि वे परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त कर सकें।
इन ट्रेनिंग सत्रों का समन्वय स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) करेगा। यह संस्था शिक्षकों की पढ़ाई और प्रशिक्षण के लिए काम करती है। सरकार का मानना है कि परीक्षा से पहले यह प्रशिक्षण शिक्षकों के लिए बेहद मददगार होगा और उनकी तैयारी को बेहतर बनाएगा।
सरकार के आदेश के अनुसार, 2026 में तीन चरणों की परीक्षाओं के बाद आकलन किया जाएगा कि आगे कितनी बार ऐसी परीक्षाएं आयोजित कराई जानी चाहिए। 2027 से इस पर नई योजना बनाई जाएगी। इस फैसले से हजारों शिक्षक फायदा उठाएंगे, खासकर वे जो टीईटी शुरू होने से पहले नौकरी में आए थे। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि तमिलनाडु के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक राष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त योग्यता रखते हों।