रायपुर। प्रदेश भर में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत अस्पतालों में नियोजित कर्मचारी अपनी अलग-अलग मांगो को लेकर मोर्चा खोले हुए है। हजारों की संख्या में यह अनियमित कर्मचारी अपने नियमितीकरण और वेतन संबंधी विसंगतियों को दूर करने की मांग के साथ धरना-प्रदर्शन कर रहे है। सरकार के साथ सीधी वार्ता नहीं होने से कर्मचारियों का यह आंदोलन लम्बा खींचता जा रहा है। इसका असर अस्पतालों की व्यस्व्थाओं पर भी देखा जा सकता है।
बहरहाल इस बीच छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया है कि, इस आंदोलन और हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई है। सभी अस्पताल सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं। मांगो को पूरा किये जाने के संबंध में हेल्थ मिनिस्टर जायसवाल ने कहा कि, एनएचएम कर्मियो के लिए 22% वेतन वृद्धि, ट्रांसफर नीति बनाने की सहमति और 30 दिनों के चिकित्सकीय अवकाश जैसी मांगों पर सहमति दी जा चुकी है। जहाँ तक एनएचएम कर्मियों के नियमितीकरण का सवाल है तो यह मांग भारत सरकार की सहमति से पूरी हो पाएगी।
इस तरह स्वास्थ्य मंत्री ने रेग्यूलाइजेशन का गेंद केंद्र के पाले में डाल दिया है। परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री शयाम बिहारी जायसवाल ने आयुष्मान योजना से जुड़े लंबित भुगतान पर पर चर्चा करते हुए बताया कि, अस्पतालों को मार्च 2025 तक का भुगतान क्लियर हो चुका है। निजी अस्पतालों के वही बिल बाकी, जिनमें आपत्ति आई है। आपत्तियों के निराकरण के बाद ही भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, नए वित्तीय वर्ष के लिए 375 करोड़ जारी हो चुका है। 100 करोड़ की अतिरिक्त किस्त भी जल्द आ जाएगी। सेवाएं कही भी बंद नहीं है, सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान के तहत इलाज जारी है।