पास्टर-पादरी के खिलाफ गांव वालों ने खोला मोर्चा, एंट्री पर लगाया बैन

कांकेर। प्रदेश में इन दिनों कथित धर्मांतरण और मतांतरण को लेकर सियासत अपने चरम पर है। पिछले दिनों छत्तीगसढ़ की पुलिस ने दुर्ग रेलवे स्टेशन से दो नन और एक अन्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। दावा किया गया था कि, वे धर्मान्तरण की नियत से बस्तर के आदिवासी लड़के-लड़कियों को अन्य राज्य ले जा रहे है। हिंदूवादी संगठन बजरंग दल इस मामले में मुखरता से सामने आया था। बहरहाल इन सबके बीच कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है।

बताया जा रहा है कि, यहां के दो गांव बांसला और जुनवानी के ग्रामीणों ने धर्मान्तरण और मतांतरण की आशंका के बीच ईसाई धर्म से जुड़े पास्टर्स और पादरियों के गांव में प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया है। ग्रामीणों ने गाँव के बाहर बोर्ड लगाते हुए गांव में किसी भी ईसाई धर्म से जुड़े संतों के एंट्री को बैन कर दिया है। ग्रामीणों का दावा है कि धर्मान्तरण का सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासियों की परम्परा और संस्कृति पर पड़ रहा है।

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