समूह से जुड़कर बेबी गुप्ता आर्थिक रूप से हुई मजबूत, बैकिंग ट्रांजेक्शन कार्य से प्रतिमाह कमा रही 11 हजार रूपए
जशपुरनगर। बिहान छ.ग. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत गरीब महिलाओं को स्व सहायता समूह के रूप में संगठित कर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करके स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
आज महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना से जुड़कर स्वरोजगार की ओर अग्रसर होते हुए अपने सपने के पंख का स्वरूप देकर नई उड़ान की ओर तैयार हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप तीनों स्तर की पंचायत एवं एन.आर.एल.एम की टीम के द्वारा महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वर्ष 2006 में बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट मॉडल की शुरूआत की गई। इस व्यवस्था के माध्यम से बैंक द्वारा बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं की पहुंच ग्राम स्तर तक सुनिश्चित की गई। बैंको द्वारा बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट की सेवाएं लिये जाने का प्रावधान किया गया। इसके उपरांत बैंकिंग सेवाओं की घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराने के लक्ष्य से ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बैंकों द्वारा स्थापित किये जाने वाले बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट का चयन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गठित स्व-सहायता समूह के सदस्यों में से किया जाए।
छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों को भुगतान में होने वाली समस्याओं के निराकरण करने एवं बैंकिग प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाये जाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा बीसी सखी मॉडल का गठन किया। जनपद पंचायत मनोरा के ग्रामीण अंचल की महिलाएं स्व सहायता समूह से जुड़कर समाजिक व आर्थिक उत्थान का मिशाल कायम कर रही है। कुछ ऐसी ही कहानी है, ग्राम पंचायत सोनक्यारी के आदर्श स्व-सहायता समूह की सदस्य बेबी गुप्ता जो कि बीसी सखी के रूप में कार्य कर आजीविका संवर्धन एवं आर्थिक सुधार का कार्य करते हुए आत्मनिर्भर बन रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के पहल से स्थाई साकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।
विकासखण्ड मनोरा के ग्राम पंचायत सोनक्यारी की रहने वाली बेबी गुप्ता ने महिला स्व-सहायता समूह से जुड़कर वर्ष 2020-21 में ’बीसी सखी का पद प्राप्त किया। बीसी सखी कार्य करने में कठिनाई का सामना करते हुए भी बेबी गुप्ता बैकिंग ट्रांजेक्शन का कार्य करने लगी।
अब बेबी गुप्ता ने विकाखण्ड स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया है। प्रत्येक माह बीसी सखी के रूप में कार्य करते हुये 28 लाख से 35 लाख तक ट्रांजेक्शन करती है। ट्रांजेक्शन करने पर कमीशन के रूप में प्रत्येक माह 8000 से 11000 तक की राशि प्राप्त करती है। जो कि बहुत बड़ी उपलब्धि है। समूह में जुड़कर एवं बीसी सखी का कार्य करते हुए बेबी गुप्ता अपना आर्थिक स्तर को बढ़ा रही है।