छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश बंद होने और मौसम साफ होने के बाद राज्यभर. में किसानों ने अपना धान बेचने सोसायटियों की ओर दौड़ लगाई है। सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में करीब 60 हजार किसानों ने अपना धान बेचा। इससे पहले पिछला पूरा हफ्ता बेमौसम बारिश और फड़ गीला होने के कारण धान खरीदी प्रभावित हुई थी।
मौसम साफ होने के बाद राज्य के सभी 2 हजार 739 खरीदी केंद्रों में धान की आवक तेज हो गई है। जिन जिलों में दो हजार से अधिक किसानों ने धान बेचा, उनमें कांकेर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, बालोद, बेमेतरा, दुर्ग, कवर्धा, राजनांदगांव, खैरागढ़ – छु ई ख दान – गंड ई, बलौदाबाजार, धमतरी, महासमुंद, रायपुर शामिल हैं।
इन जिलों में अब तक कम खरीदी:
राज्य में अभी भी कई जिलों में धान खरीदी कम हुई है। इन जिलों में दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सरगुजा, सूरजपुर और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले शामिल हैं। बताया गया है कि बस्तर और सरगुजा संभाग के इन जिलों में धान की कटाई देरी से होती है, इसलिए यहां आवक भी देरी से होती है। इसी तरह बेमौसम बारिश के कारण भी कटाई प्रभावित होने से धान बिक्री में देर हुई है।
राज्य में 1 नवंबर से शुरू हुई न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद अब तक 23 लाख 84 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। जानकारों के अनुसार इस साल अब तक धान की खरीदी सामान्य औसत से कम है। वजह ये है- कि दीपावली के समय त्योहारी माहौल और उसके साथ ही राज्य में चुनावी गतिविधियों के कारण किसान कम मात्रा में धान बेच पाए हैं। इसके बाद पिछला एक हफ्ते तक बेमौसम बारिश के कारण भी धान खरीदी प्रभावित रही।