रायपुर, 19 जुलाई 2021

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने छोटे बच्चों विशेषकर 5 से 8 वर्ष के बच्चों को उनकी माताओं के माध्यम से शिक्षा-दीक्षा की गतिविधियों से जोड़े रखने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने बीते शिक्षा सत्र में नौनिहालों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए संचालित अंगना म शिक्षा कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए इसे निकट भविष्य में और प्रभावी ढंग से संचालित करने में जुट गया है। इसी उद्देश्य को लेकर आज अंगना म शिक्षा कार्यक्रम की रिसोर्स पर्सन महिलाओं के माध्यम से सभी जिलों के डीएमसी, एपीसी से लेकर बीआरसीसी जिलों एवं ब्लॉकों के स्रोत शिक्षक सहित समस्त शिक्षकों के लिए माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ।

यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले शिक्षा सत्र में छोटे बच्चों को घर पर रहकर सिखाने हेतु ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम राज्य की कुछ स्वप्रेरित महिला शिक्षिकाओं द्वारा शुरू किया गया था जो फरवरी से अप्रैल तक पूरे राज्य में स्वस्फूर्त संचालित हुआ और बहुत ही सफल रहा। जिसमें 5 से 8 आयु वर्ग के बच्चों की आधारभूत दक्षताओं को सवारने हेतु उनकी माताओं को प्रशिक्षित किया गया था। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण यह कार्यक्रम कुछ समय के लिए रूक गया था। शिक्षा विभाग द्वारा अब पुनः इसके स्वरूप में थोड़ा परिवर्तन और कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए, अंगना म शिक्षा कार्यक्रम को पूरे राज्य में संचालित करने की पहल शुरू कर दी गई है। इस दिशा में राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ द्वारा यू-ट्यूब के माध्यम से किया गया।

इस वेबीनार में राज्य स्तर की स्रोत महिला शिक्षकों द्वारा अलग-अलग पहलुओं पर जानकारी दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. एम. सुधीश ने कार्यक्रम और निपुण भारत कार्यक्रम के अनुसार कक्षा तीसरी तक के बच्चों के लिए लक्ष्य को भी अंगना म शिक्षा कार्यक्रम से जोड़कर उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए पहल करने की बात कही। बिलासपुर संभाग से श्रीमती सीमा मिश्रा ने कार्यक्रम की प्रस्तावना,  सरगुजा संभाग से श्रीमती प्रमिला कुशवाहा ने निपुण भारत मार्गदर्शिका पर बात रखी, जिसमें कक्षा तीसरी तक के बच्चों की आधारभूत दक्षता के लक्ष्य को बताया। निपुण् भारत कार्यक्रम मे भाषा विकास की गतिविधियों को बस्तर संभाग से श्रीमती आशा कुरैशी द्वारा बताया गया तथा उसमें गणित के विकास पर गतिविधियों की बात दुर्ग संभाग से श्रीमती नीलम कौर द्वारा दी गई। तत्पश्चात रायपुर संभाग से श्रीमती रीता मंडल द्वारा अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का नियोजन व संचालन की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें बच्चों की माताओं को 10-10 के समूह में अलग-अलग दिनों में स्कूलों में बुलाकर शिक्षक छोटी-छोटी गतिविधियां करके दिखाएंगे और उन्ही गतिविधियों को माताओं के द्वारा बच्चों के साथ घर पर किया जाएगा। इस प्रकार 10 से 15 दिनों के अंतराल में बच्चों की माताओं को बुलाकर नई-नई गतिविधियां शिक्षकों द्वारा बताई जाएंगी। इन गतिविधियों के बारे में बिलासपुर संभाग से श्रीमती सावित्री सेन ने विस्तृत रूप से चर्चा की तथा बच्चों की गतिविधियों पर माताओं का फीडबैक किस प्रकार से प्राप्त करें इस पर सरगुजा संभाग से श्रीमती परवीन बानो ने अपनी बात रखी। श्री प्रदीप के द्वारा राज्य से प्राप्त पालक संदर्शिका, ‘हमर लइका हमर जिम्मेदारी’ जो प्रत्येक स्कूलों को 21-21 प्रतियां दी गयी है, के अलग-अलग मॉडयुल का विश्लेषण कर बताया गया। श्री ताराचंद जयसवाल द्वारा कोरोना से सुरक्षा पर बातें रखी गई तथा श्री आशुतोष पांडे जी द्वारा टेलीग्राम समूह ‘अंगना म शिक्षा’ के माध्यम से सभी माताओं को और सभी शिक्षकों को जोड़ने कहा गया। कार्यक्रम को यू-ट्यूब के माध्यम से हजारों की संख्या में शिक्षकों ने देखा।

आज इस राज्य स्तरीय वेबीनार के उपरान्त अब जिलों में स्रोत शिक्षिकाओं द्वारा इस कार्यक्रम को आगे ले जाते हुए अपने अपने क्षेत्र में सभी प्राथमिक शालाओं में प्रशिक्षण हेतु दलों को तैयार किया जाएगा। ये सभी अपने-अपने प्राथमिक शालाओं में माताओं एवं शाला प्रबन्धन समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ऐसे पालक जिनके पास मोबाइल है उन्हें अंगना म शिक्षा टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ते हुए नियमित रूप से सीखने सिखाने वीडियो एवं अन्य सामग्री भेजे जाने की योजना है, ताकि यदि कोरोना की तीसरी लहर आए तो भी वे अपने छोटे बच्चों को घर पर रहकर सिखा सके। इस कार्यक्रम के अंतर्गत यह भी योजना है कि स्कूल जब खुलेंगे तब माताएं अपने हस्ताक्षर से एक रिपोर्ट कार्ड की जगह सपोर्ट कार्ड अपने हस्ताक्षर से देंगी कि उन्होंने घर पर रहकर अपने बच्चों को निपुण भारत में क्या-क्या सिखा दिया है और बच्चों को क्या-क्या आता है। इस कार्यक्रम में प्रारंभ से ही समग्र शिक्षा के साथ-साथ महिला शिक्षिकाओं ने प्रथम नामक संस्था से सहयोग लिया है। प्रथम संस्था के सक्रिय स्टाफ उन्हें माताओं के लिए रोचक पठन सामग्री, गतिविधि पुस्तिका, आकलन के तरीके एवं बेसलाइन आदि के आयोजन एवं जिलों में मानिटरिंग में सहयोग कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी फील्ड में महिलाओं द्वारा क्रियान्वित इस कार्यक्रम को जाकर स्वयं देखा और इसकी सराहना करते हुए वेबीनार में स्रोत व्यक्तियों को संबोधित किया।