नेशनल लोक अदालत में 10 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार आज हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में आयोजित कर राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किया गया। नेशनल लोक अदालत में 10 हजार प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, जिसमें लगभग एक हजार मामले कोरोना काल में उल्लंघन से संबंधित धारा 188 के हैं जो शासन की पहल पर वापस लिये गये हैं। लोक अदालत प्रकरणों का निराकरण पक्षकारों की भौतिक अथवा वर्चुअल उपस्थिति में किया गया।

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार उक्त लोक अदालत हेतु प्रत्येक जिलों को मजिस्टेªट की स्पेशल सिटिंग की शक्ति प्रदान दी गई थी, छोटे-छोटे मामलों में पक्षकारों की स्वीकृति के आधार पर निराकृत किए गए। इसके अतिरिक्त विशेष प्रकरणों जैसे धारा 321 दप्रस, 258 दप्रसं एवं पेट्टी आफेंन्स के प्रकरणों तथा कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किये गये। ऐसे मामले जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए थे, उन्हें भी प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के रूप में पक्षकारों की आपसी समझौते के आधार पर निराकृत किये गये। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा उक्त नेशनल लोक अदालत में 04 खण्डपीठों के द्वारा कुल 123 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिसमें मोटर दुर्घटना के 103 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2 करोड़ 39 लाख 90 हजार 840 रूपए का अवार्ड पारित किया गया है।

 

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