विंग्स-टू-फ्लाई सोसायटी: नन्हे मुन्ने बच्चों में नई सोच और रचनात्मक प्रतिभा निखारने की पहल

नन्हें-मुन्ने बच्चों में नई सोच विकसित करने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए विंग्स-टू-फ्लाई सोसायटी द्वारा नई पहल की जा रही है। सोसायटी द्वारा नई सोच विकसित करने के लिए बच्चों और शिक्षकों की मौलिक रचनाओं को मासिक बाल पत्रिका “किलोल” में प्रकाशित किया जाएगा। इससे शिक्षकों और बच्चों में रचनात्मक प्रतिभा को बढ़ाने में मद्द मिलेगी।
नन्हें-मुन्ने बच्चों को ध्यान में रखकर यह बाल पत्रिका विगत पांच वर्षों से डॉ. आलोक शुक्ला के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रकाशित की जा रही है। विगत माह किलोल पत्रिका में प्रकाशित विभिन्न रचनाओं के वाचन के लिए हमारे नन्हें-मुन्ने पाठकों को अवसर प्रदान किया था। इसकी अगली कड़ी में इस बार किलोल बाल पत्रिका में अपनी रचनाओं को प्रकाशित करने वाले शिक्षकों को उनकी रचनाओं के वाचन का अवसर प्रदान किया गया।
विंग्स-टू-फ्लाई सोसायटी द्वारा आयोजित इस वेबीनार का पूरा संचालन श्रीमती रीता मंडल द्वारा श्री पुनीत मंगल के तकनीकी समर्थन से किया गया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों का स्वागत एवं कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी डॉ. एम.सुधीश द्वारा दी गई। कार्यक्रम के प्रतिभागी वक्ताओं का परिचय प्रीती शांडिल्य, शिप्रा बेग, के. शारदा एवं राज्यश्री साहू द्वारा किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से लक्ष्मी तिवारी, अनीता चंद्राकर, वीरेंद्र कुमार साहू, कंचन सिंह, वंदिता शर्मा, शिप्रा अग्रवाल, नंदिनी राजपूत, लोकेश्वरी कश्यप, संतोष कुमार, श्वेता पुष्पेंद्र तिवारी, जागृति साहू, कामिनी जोशी, विभा सोनी, मंजू साहू, सुधारानी शर्मा, परवीन दिवाकर, सोनिया ध्रुव, बिंदु लता राठौर एवं अनिला मिंज ने अपनी रचनाओं का वाचन किया। कार्यक्रम के समापन में श्री ताराचंद जायसवाल ने सभी को धन्यवाद देते हुए सभी से किलोल मासिक बाल पत्रिका का उपयोग कक्षाओं में करने का अनुरोध किया।

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