रायपुर : वेबीनार द्वारा रिमोट सेसिंग एवं जीआईएस का गवर्नेस में उपयोगिता का प्रस्तुतिकरण

छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा किए जा  रहे अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए विगत कुछ माह से वेबीनार की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़ अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र द्वारा रिमोट सेसिंग एवं जीआईएस के अनुप्रयोग से गवर्नेस में उपयोगिता पर परषिद द्वारा किए गए कार्यों का प्रस्तुतिकरण आज वेबीनार द्वारा किया गया। वेबीनार में हेइडेलबेर्ग विश्वविद्यालय जर्मनी के पोस्ट डॉक् फेलो डॉ. राकेश भामरी ने हिमनद विज्ञान और संबद्ध खतरों में रिमोट सेसिंग और जीआईएस की भूमिका विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन प्रमुख बल श्री मुदित कुमार सिंह, महानिदेशक छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एवं रीजनल साईंस सेंटर सोसायटी के उद्बोधन से किया गया। उन्होंने रिमोट सेसिंग एवं जीआईएस तकनीक के अनुप्रयोग के विषय में जानकारी दी। उन्होंने परिषद द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे अन्य योजना, परियोजना की जानकारी वेबीनार में जुड़े शिक्षाविदों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को प्रदान की।
परिषद के वैज्ञानिक श्री प्रशांत कविश्वर द्वारा सुदूर संवेदन एवं जीआईएस के अनुप्रयोग से प्रदेश की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के लिए वन विभाग को, कृषि विभाग को, कृषि अवशिष्ट (पैरा) जलाने के स्थानों की निगरानी के संबंध में ग्राम एवं नगर निवेश विभाग को मास्टर प्लॉन के भूमि उपयोग की जानकारी सुलभ उपलब्ध कराने और एस.ई.सी.एल. को परिषद द्वारा प्रदान किए गए तकनीकी सहयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. राकेश भामरी ने अपने उद्बोधन में हिमालयन क्षेत्रों के हिमनद और संबद्ध खतरों को समझाने में रिमोट सेसिंग एवं जीआईएस तकनीक के अनुप्रयोग की भूमिका उदाहरण के साथ प्रस्तुतिकरण दिया। वेबीनार में छत्तीसगढ़ राज्य के प्राध्यापक, शिक्षाविद्, अभियंता, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *