कोरोना की वजह से डिस्कॉम को 90,000 करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली। पहले से ही वित्तीय दबाव में चल रही राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का नुकसान कोरोना के कारण लगातार बढ़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, इस साल मार्च तक विभिन्न डिस्कॉम का नुकसान 90,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था। इस नुकसान के चलते डिस्कॉम बिजली उत्पादक कंपनियों का बकाया चुकाने में असमर्थ हैं। मार्च के अंत तक विभिन्न डिस्कॉम पर बिजली उत्पादक कंपनियों का 67,917 करोड़ रुपये का बकाया था।

हालात यह है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक राज्य सरकारों की तरफ से संचालित डिस्कॉम पर छह लाख करोड़ रुपये के कर्ज हो जाएंगे। कोरोना की वजह से उपभोक्ता एवं व्यावसायिक बिजली की मांग में कमी आई और पहले से बकाया राशि की भी वसूली नहीं हो पा रही है। इससे बिजली वितरण कंपनियों का घाटा बढ़ता गया। डिस्कॉम पर नीति आयोग की रिपोर्ट में यह तस्वीर सामने आई है। हालांकि निजी डिस्कॉम का प्रदर्शन बेहतर है।नीति आयोग ने कहा है कि डिस्कॉम की सफलता तभी संभव है, जब उसे वित्तीय और संचालन दोनों मामलों में स्वायत्तता दी जाए।

डिस्कॉम और सरकार के बीच स्पष्ट अंतर होना चाहिए। आयोग ने डिस्कॉम की सफलता के लिए फ्रेंचाइजी माडल भी अपनाने के लिए कहा है। महाराष्ट्र के भिवंडी और ओडिशा में फ्रेंचाइजी माडल से डिस्कॉम के नुकसान को कम करने में काफी सफलता मिली है। इसके अलावा एक इलाके में कई डिस्कॉम के लिए लाइसेंस जारी करने, उनके बीच आपस में प्रतिस्पर्धा से बिजली खरीद की लागत को कम करने की सिफारिश भी की गई है। डिस्कॉम की कुल संचालन लागत में 77 फीसद लागत बिजली खरीद की है।

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