• 100 से अधिक स्नातकों को सम्मानित किया गया
• मैकडॉनल्ड्स इंडिया, मेगामैक्स हेलोइस टेक सॉल्यूशन, डीमार्ट, एफएनएस सॉल्यूशन आदि कंपनियों में 50 युवाओं को मिला रोजगार
गुरूग्राम, युवाओं को कैरियर के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने पर फ़ोकस गुड़गांव स्थित लोटस पेटल फाउंडेशन ने अपनी पहल जीविका कौशल विकास कार्यक्रम को पूरा करने वाले दिल्ली, और आसपास के क्षेत्रों के 100 से अधिक शहरी युवाओं को सम्मानित किया। कम आय वाले परिवारों के छात्रों के लिए रियायती दरों पर उपलब्ध पाठ्यक्रम राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) प्रमाणित हैं, साथ ही धुनेला परिसर से आने-जाने के लिए मुफ्त बस सुविधा भी उपलब्ध है ऊपर से लड़कियों को कार्यक्रम में जुड़ने के लिए खास प्राथमिकता दी जाएगी। धुनेला परिसर को हर साल 4000 छात्रों के समूह को एक साथ प्रशिक्षण देने के लिए काफी विचार कर डिज़ाइन किया गया है।
हार्डवेयर और नेटवर्किंग, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और डिजिटल मार्केटिंग में व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों को धुनेला (गुड़गांव) में आयोजित कार्यक्रम में प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण McDonald’s India, Megamax Heloise Tech Solution, Dmart, FNS Solution आदि जैसे कॉरपोरेट्स में 50+ युवाओं के लिए प्लेसमेंट की घोषणा रही।
दीक्षांत समारोह में छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रशिक्षण से हासिल कौशल के लिए सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि अमिताव विरमानी ने संस्थापक कुशल चक्रवर्ती, सह-संस्थापक सलोनी भारद्वाज और जीविका कौशल विकास कार्यक्रम प्रबंधक रविंदर कुमार के साथ दीप प्रज्वलित कर इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
कुशल चक्रवर्ती, संस्थापक, लोटस पेटल फाउंडेशन ने कहा “हमें अपने छात्रों पर गर्व है। 22 छात्रों से छोटी शुरुआत कुछ ही महीनों में 250 छात्रों तक पहुंच गई। हमारे छात्रों को व्यापक सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त होता है, जिससे उन्हें रोजगार खोजने के साथ-साथ उच्च शिक्षा के लिए दरवाजे खोलने में मदद मिली है।उनकी सफलता ने हमें आत्मविश्वास से भर दिया है कि अब हमारे छात्र दुनिया का मुकाबला करने और बिना किसी दिक्कत के दुनिया के लिए तैयार हैं”।
गुड़गांव के 22 वर्षीय राहुल सैनी ने जीविका में हार्डवेयर और नेटवर्किंग कोर्स पूरा किया और Megamax में प्लेसमेंट प्राप्त किया। उन्होंने कहा, ” Megamax में नौकरी मेरे कैरियर की शुरुआत में बेहद खास है।” जीविका में रिटेल सेल और प्रबंधन पाठ्यक्रम पूरा करके Mcdonald’s में कैशियर के रूप में नियुक्त एक अन्य पूर्व छात्र ममता ने बताया, ” Mcdonald’s में नौकरी से मुझे वित्तीय स्वतंत्रता मिली और अब घर के खर्चों को साझा कर पा रही हूं”।
एक सुरक्षा गार्ड और घरेलू कामगार के बेटे, साहिन ने 2018 में जीविका कार्यक्रम के बिज़नेस कॉरस्पोंडेंस कोर्स में दाखिला लिया। आज साहिन 25,000 रुपये महिने पर फैशन सलाहकार के रूप में Lenskart में काम कर रहे हैं। 12वीं पास के रूप में नौकरी पाने में उनकी सफलता की कहानी इस तथ्य के उलट है कि कौशल की कमी के कारण देश के 75% से अधिक स्नातक बेरोजगार हैं। पिछले 10 वर्षों में लोटस पेटल फाउंडेशन की अपने पूर्व छात्रों की सफलता की ऐसी कई कहानियां हैं।