किरन्दुल। शहीद कावासी रोड्डा पेद्दा शासकीय महाविद्यालय कुआकोंडा में एक दिवसीय कार्यशाला एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय जनजातियां समाज का गौरवशाली अतीत,ऐतिहासिक,सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में सतीश गोकुल पंडा (सामाजिक कार्यकर्ता) उपस्थित थे। साथ ही विशिष्ट अतिथियों के रूप में नन्दलाल मुडामी, महेंद्र नायक भगीरथी यादव की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया। मुख्य वक्ता सतीश गोकुल पंडा ने अपने उद्बोधन में जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास,उनकी सामाजिक संरचना, आध्यात्मिक योगदान और सांस्कृतिक धरोहर पर गहन एवं विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने जनजातीय समुदायों के संघर्ष,उनकी पहचान और समाज में उनके योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने जनजातीय लोक संस्कृति को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न नृत्य और गीतों के माध्यम से जनजातीय जीवन के विविध पहलुओं को दर्शाया गया। संयोजक प्रतीक कारते द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तावना दी गई।प्रशासनिक अधिकारी गजेंद्र सोनकुंवर ने स्वागत उद्बोधन किया।सह-संयोजक भीमपाल रंगारी ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया और सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के 17 समस्त स्टाफ एवं 186 विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और इसे एक सफल आयोजन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक और सामाजिक योगदान को उजागर किया और विद्यार्थियों के लिए एक सीखने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।