गलती से अगर जन्माष्टमी का व्रत टूट जाए तो क्या करना चाहिए? जाने यहां

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और उपवास का विशेष महत्व है.  ऐसी मान्यता है कि व्रत रखने से देवी-देवता जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. वहीं, व्रत टूट जाए तो मन में कुछ अशुभ होने का भय बना रहता है. व्रत टूटने का पाप लगेगा, भगवान नाराज हैं आदि विचार मन में आने लगते हैं. तो चलिए जानते हैं कि व्रत गलती से टूट जाये तो क्या उपाय करें.

जन्माष्टमी का व्रत भी लोग दो तरीके से रहते हैं. एक निर्जला रहकर किया जाता है और दूसरा फल आदि चीजों का सेवन करते हैं. कुछ लोग भगवान के जन्म के बाद भोजन भी करते हैं. निर्जला व्रत में पानी पीने की मनाही होती है. अगर आप पानी भी पी लेते हैं तो आपका व्रत टूट सकता है. लेकिन कई बार लोगों का व्रत अनजाने में खंडित हो जाता है.

  • अनजाने में हुई गलती को भगवान भी अनदेखा कर देते हैं. अगर जन्माष्टमी का व्रत गलती से टूट गया है. आपने कुछ अनाज खा लिया है. इसमें अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है. बस व्रत टूटने के बाद कान्हा जी की पूजा करें और दोनों हाथ जोड़कर अपनी गलती की क्षमा मांग लें.
  • अगर आपका जन्माष्टमी का व्रत गलती से टूट गय है तो  घर में हवन कराएं और भगवान श्रीकृष्ण से गलती की माफी मांग लें. हवन कराने से हर दोष दूर होते हैं. इस उपाय को करने के बाद व्रत भी पूर्ण माना जाता है.
  • जन्माष्टमी का व्रत खंडित हो जाने पर सबसे पहले स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. इसके बाद पंचामृत से भगवान विष्णु की मूर्ति का अभिषेक करें. क्षमा मांगते हुए निम्न मंत्र का जाप करें. मंत्र है- मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन. यत्पूजितं मया देवा परिपूर्ण तदस्तु मे॥ ॐ श्री विष्णुवे नमः क्षमा याचनं समर्पयामि॥ इसके बाद गाय, ब्राह्मण और कन्याओं के लिए भोजन करा दे.
  • व्रत टूटने पर द्वादशाक्षर मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का मंत्र का 11 बार या तुलसी की माला से यथासंभव अधिक बार जाप करें. भगवान विष्णु को समर्पित स्तोत्रों का भी भक्तिपूर्वक पाठ कर लें.
  • गलती से जन्माष्टमी का व्रत टूटने पर भगवान विष्णु या कन्हैया जी के मंदिर में पंडित को पीले वस्त्र, फल, मिठाई, शास्त्र, चना, हल्दी, केसर और अन्य चीजों का दान करें.
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