नीमगांव डेम, पर्यावरण वाटिका, प्रस्तावित सर्पज्ञान केंद्र एवं अन्य जगहों का अवलोकन कर अधिकारियों से की चर्चा: कलेक्टर व्यास

जशपुरनगर। जशपुर पर्यटन के प्रमुख केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। कलेक्टर रोहित व्यास ने पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने वाले क्षेत्रों को दौरा किया और इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने नीमगांव डेम, पर्यावरण वाटिका बगिया, कांसाबेल में मधुवन औषधि वाटिका व एनिमल रेस्क्यू सेंटर और तपकरा में प्रस्तावित सर्प ज्ञान केंद्र और पमशाला का अवलोकन कर इन्हें पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने और इनसे उत्पन्न होने वाले रोजगार के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की।
कलेक्टर व्यास ने नीमगांव डेम का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने वनमंडलाधिकारी जितेन्द्र उपाध्याय, सिंचाई विभाग के एसडीओ एस.के.रात्रे, तहसीलदार जयश्री राजनपथे, नायब तहसीलदार राजेश यादव सहित वहां मौजूद अन्य अधिकारियों से इसे पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने के संबंध में चर्चा की और अधिकारियों को इस संबंध में प्रस्ताव बना कर प्रस्तुत करने को कहा। अधिकारियों ने बताया की नीमगांव डेम को पक्षी विहार के तौर पर विकसित किया जाना है। इस डेम में प्रवासी पक्षी आते हैं। नवंबर से मार्च तक इनका यहां पर बसेरा रहता है। इस डेम से आसपास के 4 गांवों की सिंचाई होती है। पक्षी विहार बन जाने से यहां पर लोगों की आमद बढ़ेगी, इससे आसपास के ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। कलेक्टर व्यास बगिया में बन रहे पर्यावरण वाटिका का अवलोकन करने पहुंचे। लगभग 28 हेक्टेयर में बन रहे पर्यावरण वाटिका में हर्बल प्लाटेंशन, वाटर फॉल, मेडिटेशन हट, पगोड़ा, चिल्ड्रन पार्क, सहित अन्य निर्माण कार्य होना है। कलेक्टर ने इसे समय-सीमा में एवं गुणवत्तापूर्वक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।


कलेक्टर ने कांसाबेल में मधुवन औषधि वाटिका का अवलोकन किया। लगभग 2 हेक्टेयर परिक्षेत्र में निर्मित इस वाटिका के पुराने स्वरूप में लाने के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की और साफ-सफाई रखने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कांसाबेल एनिमल रेस्क्यू सेंटर का भी अवलोकन किया। इस रेस्क्यू सेंटर में जंगली जानवरों का इलाज, भोजन सहित अन्य सुविधा प्रदान किया जाता है। इलाज हो जाने पर उन्हें पुनः जंगल की ओर छोड़ दिया जाता है। कलेक्टर ने तपकरा में प्रस्तावित सर्प ज्ञान केंद्र का भी अवलोकन किया। लगभग 15 हेक्टेयर में बनने वाले इस केंद्र में पार्क का निर्माण किया जाना है। सर्पज्ञान केंद्र बन जाने से आम लोगों को सर्प सें संबंधित जानकारी मिलेगी और जागरूकता प्रसार से सांपों का संरक्षण और संवर्धन करने में भी मदद मिलेगी। तपकरा के पमशाला केंद्र के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर व्यास ने यहां पर बने राधा-कृष्ण मंदिर के आसपास साफ-सफाई किए जाने और इस परिसर में बने भवन का रंग-रोगन किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान आईएफएस श्री निखिल अग्रवाल, फरसाबहार एसडीएम आर.एस. लाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *