तिल्दा नेवरा, तिल्दा ब्लॉक के समीपस्थत ग्राम पंचायत सांकरा में प्रस्तावित नाकोड़ा इस्पात एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट को लेकर , दिन शुक्रवार दिनांक 27 जून को जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस जनसुनवाई में भारी संख्या में स्थानीय ग्रामीण शामिल हुए, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट का खुलकर विरोध किया।
जनसुनवाई शुरू होने से पहले ही ग्रामीण लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित हो चुके थे। ग्राम सांकरा के साथ-साथ लखना एवं आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए और उन्होंने नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी हालत में इस इस्पात संयंत्र को उनके गांव में स्थापित नहीं होने दिया जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन में पुरुषों के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा, युवतियाँ, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। सभी की एक ही मांग थी कि यह उद्योग परियोजना ग्रामवासियों के हित में नहीं है और इससे पर्यावरण, जलस्रोत और कृषि पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
विरोध के बीच कुछ लोगों द्वारा इस प्रोजेक्ट के समर्थन में गुपचुप तरीके से सहमति पत्र दिए जाने की बात सामने आने पर ग्रामीणों का आक्रोश और अधिक बढ़ गया। ग्रामीणों ने इस प्रक्रिया को गैर-पारदर्शी और जनभावनाओं के विरुद्ध बताया।
जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने पर्यावरणीय चिंता, स्वास्थ्य पर संभावित असर और रोजगार को लेकर आशंका जताई। उन्होंने मांग की कि यदि किसी भी प्रकार का उद्योग लगाया जाता है तो पहले ग्रामसभा की पारदर्शी स्वीकृति, पर्यावरण सुरक्षा उपाय और स्थानीय लोगों के लिए स्थायी रोजगार की गारंटी दी जानी चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम ने ग्राम पंचायत सांकरा सहित आसपास के क्षेत्रों में उद्योग स्थापना को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और संबंधित विभाग ग्रामीणों की आवाज को कितनी प्राथमिकता देते हैं।