हरिहरपुर, फतेपुर और घाटबर्रा गांव के लोगों ने कलेक्टर एसपी से मिलकर जल्द परियोजना शुरू कराने की मांग की-
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में उदयपुर तहसील के 25 से अधिक गांवों के लोग परसा और परसा ईस्ट कोल ब्लाक परियोजना के जल्द शुरू कराये जाने की मांग कर रहे हैं। इस परियोजना के शुरू होने से इस गांव के युवकों को रोजगार मिलेगा और खुशहाली आयेगी। कोल ब्लाक परियोजना का संचालन करने वाली कंपनी द्वारा कारपोरेट रिस्पांसिबिलिटी के तहत कराये जाने वाले सामाजिक कार्यों का भी लाभ इन गांव के लोगों को मिल सकेगा। पिछले दिनों हरिहरपुर, फतेपुर और घाटबर्रा गांव के लोगों ने सरगुजा के कलेक्टर और एसपी से मुलाकात की। गांव के लोगों ने कलेक्टर और एसपी से जल्द कोल ब्लाक परियोजनाओं के शुरू कराये जाने की मांग की। गांव के लोगों ने कलेक्टर से कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। ऐसे में कोल ब्लाक परियोजना और अन्य विकास योजनाएं संचालित होने से लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि हसदेव क्षेत्र के करीब 1800 वर्ग किलोमीटर फैला हुआ क्षेत्र है जिसमें से केवल 5 या 6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में भारत सरकार ने अपने राज्यों व देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला खनन हेतु की अनुमति प्रदान की है। तथाकथित एनजीओ के द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए हमेशा भ्रामक तथ्य फैलाया जाता है कि संपूर्ण हसदेव क्षेत्र की स्थिति खराब होने वाली हैं l ग्रामीणों का नेतृत्व बुद्धिमान सिंह, संजय कुमार, मोहन लाल, जग नारायण सिंह पोर्ते समेत कई लोगों ने किया।
पैदल यात्रा का ग्रामीणों ने विरोध किया :
बाहरी एनजीओ द्वारा सरगुजा जिले के ग्रामीणों को बरगलाकर प्रतावित पैदल यात्रा को फतेहपुर के ग्रामीणों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए बुलाई गई पैदल यात्रा का स्थानीय ग्रामीणों के भरपूर विरोध का सामना करना पड़ा। इस वजह से यात्रा को कोरबा जिले के मदनपुर में स्थानांतरित वहां के भोले भाले ग्रामीणों को बरगलाकर यात्रा प्रारंभ करना पड़ा। स्थानीय ग्रामीणों ने बहिष्कार कर एक करारा जवाब भी दिया है जिससे तिलमिलाकर एनजीओ अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों को बरगलाने में प्रयासरत हैं।