बिलासपुर। सक्ती जिले के चर्चित गणेशराम साहू हत्याकांड में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए पत्नी चनेश्वरी साहू और उसके प्रेमी प्रमोद साहू की अपील खारिज कर दी है। अदालत ने 8 साल के बेटे की गवाही को विश्वसनीय माना। अवैध संबंध उजागर होने पर दोनों ने मिलकर पति की गला घोंटकर हत्या की और शव को नदी में फेंक दिया था।
यह मामला दो वर्ष पूर्व, 27 मार्च 2023 की रात का है, जब हसौद थाना क्षेत्र के ग्राम गुंजीयाबोड़ निवासी गणेश राम साहू अचानक लापता हो गया था। उसके पिता दुकालू राम साहू ने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने तलाश शुरू की तो अगले दिन सोन नदी में गणेशराम की लाश मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने और सिर पर वार से मौत की पुष्टि हुई, जिससे हत्या का शक पक्का हो गया।
जांच से पता चला कि मृतक की पत्नी चनेश्वरी साहू का गांव के प्रमोद साहू के साथ अवैध संबंध था। घटना की रात गणेशराम ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया, जिस पर विवाद हुआ और गुस्से में आकर पत्नी और प्रेमी ने गमछे से उसका गला घोंट दिया, लोहे की रॉड से वार किया और रात को ही शव को सोन नदी में फेंक दिया। बाद में पत्नी ने परिवार को बहकाने के लिए गुमशुदगी की झूठी कहानी गढ़ी। शुरुआती पूछताछ में ही दोनों आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया था, जिसके बाद हसौद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, सक्ती ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी।