नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई

रायगढ़: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक युवक ने नाबालिग लड़की को चाकू से मारने की धमकी देकर 2 साल तक उससे रेप किया। 16 साल की पीड़िता अपनी दादी के साथ रहती थी। आरोपी शिशुपाल सेठ (21 साल) उसे मारने की धमकी लेकर अक्सर खेत बुलाता था और डर दिखाकर दुष्कर्म करता रहा। मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है। इससे परेशान होकर पीड़िता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां उसे पाॅस्को न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 20 साल की सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया है।

16 वर्षीय पीड़िता ने चक्रधर नगर थाने में 11 जून 2025 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह अपनी बूढ़ी दादी के साथ रहती है। उसके साथ उसके ही गांव का एक लड़का शिशुपाल सेठ (21 साल) जनवरी 2022 से उसे डरा धमकाकर रेप कर रहा है।

जब वह अपने घर से रात के लगभग 8-9 बजे मैदान के लिए बाहर निकली, तो शिशुपाल उसे खेत में चाकू दिखाते हुए और जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद उसने किसी से इस बारे में नहीं बताने की बात कही और कहा कि अगर किसी को बताया, तो तुम्हें और तुम्हारे परिवार को चाकू से मारकर खत्म कर दूंगा। इस घटना से वह डर गयी और इस बारे किसी को कुछ नहीं बताई। इसके बाद शिशुपाल आए दिन उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता था। साथ ही पूरे गांव समाज में उसकी और उसके परिवार की बदनामी करने व जान से मारने का भय दिखाता था।

ऐसे में समय-समय पर वह पीड़िता को अपने साथ खेत ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करता था। पीड़िता के माता-पिता की पहले मौत हो चुकी थी। ऐसे में उसने शिशुपाल की मां, बड़े भाई और पिता से उसकी शिकायत की। तब उसकी बातों का शिशुपाल के माता-पिता व बड़े भाई को कोई असर नहीं हुआ।

शिशुपाल ने अंतिम बार उसके साथ अपने कच्चे घर में 11 जनवरी 2024 की रात में अनाचार किया है। इस बात की शिकायत भी दूसरे दिन उसने शिशुपाल के परिजनों से की। इसके बाद भी शिशुपाल के परिजनों ने उसकी बातों को अनसुना करते हुए उल्टा डांट कर भगा दिया। ऐसे में पीड़िता के नाबालिग होने का फायदा उठाकर शिशुपाल गलत काम करते रहा।

जिससे परेशान होकर उसने पहले थाने में लिखित में शिकायत की। पुलिस ने मामले में आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले में विवेचना शुरू की और आरोपी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार किया।

जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पाॅक्सो न्यायालय में पेश किया। जहां अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र साहू ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए मामले में आरोपी को दोषसिद्ध पाया गया। इससे आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए 6 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। मामले में अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।

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