कवर्धा। कवर्धा में बीते दिन दुर्गा माता पंडाल को लेकर दो समुदाय के बीच जमकर विवाद हुआ. इस मामले में गृह मंत्री विजय शर्मा मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशासन ने दोनों पक्षों से बैठकर बातचीत की है. कुछ लोगों द्वारा व्यवस्था तोड़कर पंडाल को हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन शासन ने निर्णय लिया है कि माता वही विराजेंगी, जहां पहले विराजती थीं. यह स्थल पिछले कई वर्षों से माता के पूजन का केंद्र रहा है.
दरअसल, कामठी गांव के जब शिव मंदिर परिसर में दुर्गा माता की मूर्ति स्थापना को लेकर हिंदू समाज और गोंडवाना समाज के बीच कई बार विवाद खड़ा हो चुका है. इस साल भी पंडाल लगाने को लेकर दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई. गोंडवाना पार्टी के समर्थकों ने पंडाल उखाड़कर फेंक दिया और मंदिर की बाउंड्रीवाल पर ताला जड़ दिया, जिसके बाद दुर्गा समिति के लोग विरोध में जुटे, और पुलिस के साथ झूमाझटकी हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए.
प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कलेक्टर, एसपी और अन्य अधिकारियों की अगुवाई में भारी पुलिस बल तैनात किया. कलेक्टर गोपाल वर्मा ने आश्वासन दिया कि परंपरा के अनुसार दुर्गा स्थापना की जाएगी, जबकि एसपी धर्मेंद्र छवई ने हिंदू समाज को यह भरोसा दिलाया कि किसी को इस धार्मिक आयोजन को रोकने नहीं दिया जाएगा. यह विवाद पहले भी हुआ था, क्योंकि गोंडवाना पार्टी समर्थक इसे अपनी जमीन मानते हैं, जबकि हिंदू समाज का कहना है कि सालों से यहां धार्मिक आयोजन होते आ रहे हैं.
गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के द्वारा भेजे गए पत्र पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “मायावादियों द्वारा भेजे गए पत्र के बाद एक और पत्र आया. उनकी पुरानी परंपरा से हम वाकिफ हैं. नक्सलियों से अपील है कि सिविलियन किलिंग बंद करें.” विजय शर्मा ने यह भी कहा कि जहां-जहां आईडी बिछाए गए हैं, वहां से नक्सली उठाए जाएं या फिर किसी नजदीकी कैंप में सूचना भेजें. “जनता, जानवर और जवानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आईडी खत्म होनी चाहिए,” उन्होंने कहा. डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि अगर नक्सली ऐसा कदम उठाते हैं, तो उनकी विश्वसनीयता बढ़ेगी.