छत्तीसगढ़ी हरेली पर्व पर दिल्ली पब्लिक स्कूल मे विशेष आयोजन

दिल्ली पब्लिक स्कूल, महाराजपुर, कवर्धा में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति एवं कृषि आधारित जीवनशैली को समर्पित हरेली पर्व के उपलक्ष्य में एक भव्य एवं विविध गतिविधियों से युक्त विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति को समर्पित समूह लोकगीत की प्रस्तुति से हुई, जिसमें विद्यार्थियों ने हरेली पर्व के महत्व को मधुर स्वरों में व्यक्त किया। तत्पश्चात बच्चों ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोकनृत्य प्रस्तुत कर वातावरण को लोकसंस्कृति की रंगत से सराबोर कर दिया।
विशेष रूप से आयोजित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों ने हरेली पर्व, छत्तीसगढ़ी परंपराएँ, तथा कृषि आधारित रीति-रिवाज़ों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देकर ज्ञानवर्धक सहभागिता निभाई।


कार्यक्रम में खेती-किसानी में प्रयुक्त पारंपरिक औजारों – जैसे हल, फावड़ा, गैंती, कुदाल, बैलगाड़ी आदि की पूजा-अर्चना की गई, जो हरेली पर्व की मुख्य विशेषता है। इसके माध्यम से छात्रों को कृषि के प्रति सम्मान और ग्रामीण जीवन से जुड़ाव का संदेश दिया गया।
पोस्टर प्रदर्शन के माध्यम से छात्रों ने हरियाली संरक्षण, जैव विविधता, और प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित उपयोग का संदेश दिया। साथ ही बच्चों द्वारा तैयार किए गए नारे और चित्रों ने कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक और रोचक बना दिया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या ग्रेसिया एन फीग्रेड ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि – “हरेली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारी कृषि संस्कृति और प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक है। हमें अपनी जड़ों से जुड़कर ही भविष्य की ओर अग्रसर होना चाहिए।” विद्यालय परिवार के सभी शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ एवं अभिभावकों की उपस्थिति से कार्यक्रम अत्यंत सफल एवं प्रेरणादायक रहा। इस आयोजन ने निश्चित ही विद्यार्थियों के मन में अपनी लोकसंस्कृति के प्रति सम्मान, संरक्षण और गौरव का भाव उत्पन्न किया।

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