महतारी वंदन योजना के पात्र महिलाओं को अब तक 17-17 हजार ट्रांसफर

रायपुर। राज्य सरकार ने महतारी वंदन योजना की 17वीं किस्त जारी कर दी है। महिला व बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश की 69.23 लाख से अधिक महिलाओं को 647.66 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है। जून से इस माह योजना से लगभग सात हजार महिलाएं कम हो गई हैं और उन्हें लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। जून में 69,30,041 महिलाओं को राशि जारी की गई थी। इस माह 69,23,167 को राशि जारी की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 में की गई थी। अब तक लगातार 17 माहों में 11081.68 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश की महिलाओं को प्रदाय की जा चुकी है। योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

योजना से होने वाले भुगतान और अन्य जानकारी से अवगत होने के लिए महतारी वंदन योजना के पोर्टल और महतारी वंदन योजना का मोबाइल ऐप भी है, जिसे हितग्राही प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपनी जानकारी देख सकते हैं। यदि कोई आवेदिका इस सहायता राशि का लाभ नहीं लेना चाहती है, अर्थात् लाभ त्याग करना चाहती है तो वे पोर्टल में लाभ त्याग के ऑप्शन में जाकर लाभ त्याग कर सकती है।

महतारी वंदन योजनांतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। जिन हितग्राहियों का खाता डीबीटी इनेबल नहीं है वे तत्काल बैंक जाकर आधार सीडिंग करवायें क्योंकि उनको भुगतान किये जाने पर राशि वापस हो जा रही है तथा इस हेतु उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है। यदि किसी हितग्राही को किसी प्रकार की शिकायत हो तो इस पोर्टल में शिकायत करें ऑप्शन में जाकर अपनी समस्या ऑनलाईन दर्ज कर सकती है।

मार्च 2024 से जुलाई 2025 तक कुल 17 किश्तों में लगभग 70 लाख महिलाओं को 11 हजार 08 करोड़ रूपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। यह केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि उन सपनों की पूंजी है जिन्हें अब तक परिस्थितियों ने दबा दिया था। योजना से महिलाओं को जो आत्मबल मिला, उसने उनके जीवन को नए आयाम दिए। आज छत्तीसगढ़ की महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हैं।

किसी ने छोटा व्यवसाय शुरू किया, तो किसी ने बच्चों की शिक्षा और घरेलू जरूरतों को सहजता से पूरा किया। यह आर्थिक संबल महिलाओं को आत्मविश्वास, सामाजिक पहचान और सम्मान दे रहा है। वे अब केवल पारंपरिक भूमिकाओं में सीमित नहीं, बल्कि परिवार की आर्थिक रीढ़ और समाज की निर्णायक शक्ति बनती जा रही हैं।

योजना की असली तस्वीर उन कहानियों में है, जो अब गांव-गांव में प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं कंचन जो ग्राम गीधा, मुंगेली की निवासी हैं। उन्होंने महतारी वंदन योजना से मिलने वाले पैसों से गुपचुप ठेला व्यवसाय को बढ़ाया और अब घर की ज़िम्मेदारियाँ आसानी से निभा रही हैं। कुरूद ग्राम की निवासी श्यामा बाई जो कंडरा जनजाति से आती हैं और बांस शिल्प के पारंपरिक व्यवसाय से अब आजीविका चलाती हैं।

योजना की सहायता अपने व्यवसाय को बढ़ाकर 8000 रुपए तक मासिक आमदनी अर्जित कर रही हैं। मोहला-मानपुर की ग्राम दिघवाड़ी निवासी गीता यादव कहती हैं कि सालाना मिलने वाले 12 हजार रूपए हमारी कई जरूरतों को पूरा करने में मददगार होंगे। इससे रोजमर्रा के खर्च, बच्चों के दवाइयों और पढ़ाई का समान खरीदने में राहत मिलेगी। ग्राम हथरा निवासी कान्ति बाई ने कहा कि महतारी वंदन योजना से मिली राशि से वह अपनी और घर की जरूरतें पूरी कर सकेंगी। अब उन्हें छोटी-मोटी चीजों के लिए बार-बार पति से कहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस योजना को महिलाओं को केवल सहायता नहीं, बल्कि समाज में भागीदारी का अधिकार देने वाला प्रयास बताया है।

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