चिरायु से रितेश के हृदय रोग का हुआ सफल इलाज

रायपुर के निजी अस्पताल में निःशुल्क ऑपरेशन सहित मिली अन्य मेडिकल सुविधा

परिजनों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

जशपुरनगर/ किसी भी घर में जब एक नन्हा मेहमान जन्म लेता है, तो वह घर खुशियों से भर उठता है। हर कोना जैसे मुस्कुराने लगता है, और माता-पिता के मन में भविष्य के हज़ारों सपने आकार लेने लगते हैं। यदि वह बच्चा इकलौता हो, तो उसके प्रति संवेदनशीलता और भी गहराई से जुड़ जाती है।
ऐसा ही एक खुशियों भरा पल था, जब जिला मुख्यालय के पुरानीटोली निवासी सुदर्शन चौहान के घर रितेश का जन्म हुआ। जन्म के साथ ही उनके माता-पिता की दुनिया जैसे रोशन हो गई थी। लेकिन जन्म के कुछ साल बाद बच्चे का तबियत खराब रहने लगा। इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाने पर पता चला कि उसके दिल में छेद है। निजी अस्पताल में इलाज कराना मजदूरी करके अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाले उनके पिता के लिए काफी मुश्किल था। फिर वे अपने बच्चे को जिला अस्पताल ले गए। अस्पताल में डॉक्टरों के द्वारा चिरायु योजना की जानकारी देने के साथ ही बच्चों को इससे मिलने वाली निःशुल्क इलाज के संबध में बताया गया। यह जानकारी परिवार के लिए किसी आशा की किरण से कम नहीं थी।
रितेश को बेहतर इलाज के लिए रायपुर स्थित एसएमसी हॉस्पिटल शासकीय व्यय पर भेजा गया। जहां डॉक्टरों के द्वारा पिछले वर्ष ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन और बेहतर इलाज के बाद आज बच्चा स्वस्थ है। आज 6 साल के हो चुके रितेश का मुस्कराता चेहरा उसके माता-पिता की आँखों में नई चमक भर देता है। परिजनों ने मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय और डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार ने गरीबों की पीड़ा को समझा और इलाज के लिए बेहतर संस्थानों में भेजकर निःशुल्क इलाज करा रही है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य परीक्षण कर चिरायु की टीम के द्वारा बच्चों का बेहतर इलाज कराया जा रहा है। चिरायु की टीम के द्वारा कटे-फटे होंठ, जन्म जात मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े हाथ पैर, श्रवण बाधा सहित 44 प्रकार की बीमारी तथा विकृति पर कार्य किया जाता है। जरूरत पड़ने पर बच्चों को अच्छे हॉस्पिटल रेफर भी कराया जाता है।

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