भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन पर जी स्टूडियोज ने उनपर फिल्म बनाने का ऐलान किया है. फिल्म फुले (Phule) दुनिया भर में 11 अप्रैल, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है, सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) के पति ज्योतिराव फुले (Jyotirao Phule) की 197वीं जयंती है. फुले (Phule) में एक्टर प्रतीक गांधी (Pratik Gandhi) और पत्रलेखा (Patralekha) अहम भूमिका निभाते नजर आएंगे.
बता दें कि यह फिल्म भारतीय सामाजिक सुधार आंदोलन के दो प्रमुख व्यक्तियों महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन और विरासत की कहानी को दर्शाएगी. इस फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता अनंत महादेवन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में प्रतीक गांधी (Pratik Gandhi) महात्मा ज्योतिराव फुले (Jyotirao Phule) और पत्रलेखा (Patralekha) उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) की भूमिका में नजर आएंगे.
जी स्टूडियोज ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर फिल्म फुले (Phule) के घोषणा पोस्टर को कैप्शन के साथ शेयर किया है और लिखा “भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की इस जयंती पर, डांसिंग शिवा फिल्म्स, किंग्समेन प्रोडक्शंस और हम 11 अप्रैल, 2025 को सिनेमाघरों में फिल्म फुले की विश्वव्यापी रिलीज की घोषणा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं, जो ज्योतिराव फुले की 197वीं जयंती का प्रतीक है.”
फिल्म की कहानी
फिल्म फुले (Phule) महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) की प्रेरणादायक सफर को दर्शाती है, जिनके भारत में शिक्षा और सामाजिक समानता के क्षेत्र में किए गए काम ने एक स्थायी विरासत छोड़ी है. सावित्रीबाई फुले के रूप में अपनी भूमिका पर पत्रलेखा ने अपनी खुशी जाहिर की और कहा, “मैं इस फिल्म में सावित्रीबाई फुले का किरदार निभाने के लिए बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं. ज्योतिराव फुले के साथ, उन्होंने भारत में आधुनिक शिक्षा और सामाजिक समानता की नींव रखी. आज उनकी जयंती पर, हम फुले की रिलीजा का एलान करें. मैं रोमांचित हूं कि दर्शक जल्द ही बड़े पर्दे पर उनकी प्रेरणादायक सफर देख सकेंगे.”
भारतीय इतिहास की महान समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) का जन्म आज ही के दिन 1831 में महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव में हुआ था. सावित्रिबाई ने 1848 में आज ही के दिन (3 जनवरी) पुणे के भिड़े वाड़ा में देश का पहला गर्ल्स स्कूल खोला था. सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) ने पुरुष प्रधान समाज का विरोध करते हुए घर-घर जाकर लोगों को बच्चियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया. 10 मार्च 1897 को सावित्रिबाई का प्लेग की वजह से निधन हो गया था.