रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. उन्हें दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पद की शपथ दिलाई. प्रवेश वर्मा ने दिल्ली कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. उन्होंने सीएम रेखा गुप्ता के बाद पद की शपथ ली. प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को हराया था. दिल्ली की चौथी महिला सीएम रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला सीएम होंगी. उनसे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी मुख्यमंत्री रह चुकीं हैं. वहीं वह बीजेपी की भी चौथी मुख्यमंत्री होंगी. उनसे पहले बीजेपी से मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज सीएम रहे हैं.
छात्र राजनीति से शुरू हुआ सियासी सफर एक छात्र नेता के तौर पर राजनीति शुरू करने वाली रेखा गुप्ता को कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने कई सियासी उतार-चढ़ाव देखें और आज वह दिल्ली की सीएम की कुर्सी तक पहुंच गई हैं. चलिए सीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाली रेखा गुप्ता के सियासी सफर और उनकी फैमिली लाइफ पर डालते हैं एक नजर. हरियाणा के जींद से है नाता रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय जय भगवान जिंदल और माता उर्मिला जिंदल हैं. एसबीआई बैंक में पिता की नौकरी लगने के बाद उनका परिवार 1976 में दिल्ली शिफ्ट हो गया था. हालांकि अब भी उनका परिवार जुलाना में कारोबार करता है.
दिल्ली के बिजनेसमैन से हुई है शादी दिल्ली से सटे हरियाणा से ताल्लुक रखने की वजह से रेखा गुप्ता का अपने गृह राज्य में आना-जाना होता रहता है. रेखा गुप्ता की शादी दिल्ली के बिजनेसमैन मनीष गुप्ता से हुई है. उनके दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं. 32 साल तक आरएसएस से जुड़ी रहीं हरियाणा में जन्मी और दिल्ली में पली-बढ़ी रेखा बचपन से ही राजनीति में सक्रिय रहीं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और छात्र राजनीति में अहम भूमिका निभाई. भाजपा में शामिल होने के बाद वे सरकार और संगठन के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहीं. वह आरएसएस से 32 साल तक जुड़ी रहीं.
डूसू सचिव के तौर पर की सियासी सफर की शुरुआत रेखा गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपनी सियासी यात्रा शुरू की थी. 1995-96 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और 1996-97 में इसकी अध्यक्ष रहीं. 2002 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव रहीं. बीकॉम और एलएलबी की है डिग्री रेखा गुप्ता ने दौलतराम कॉलेज से बीकॉम किया है. साथ ही उनके पास लॉ की भी डिग्री है. उन्होंने 2022 में मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के आईएमआईआरसी कॉलेज ऑफ लॉ भैना गाजियाबाद से एलएलबी की डिग्री हासिल की है.
पहली बार पीतमपुरा से चुनी गईं थीं पार्षद 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुने जाने के बाद गुप्ता ने महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम किया. उन्होंने सुमेधा योजना जैसी पहल शुरू की, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद मिली. वह तीन बार शालीमार बाग से पार्षद चुनी गईं – 2007-2012, 2012-17 और 2022-25 तक . महिला मोर्चा की रह चुकी हैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नगर निकाय की महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण अभियान का नेतृत्व किया. रेखा गुप्ता ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भाजपा की महिला शाखा की प्रभारी के तौर पर भी काम किया है. वह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. एमसीडी में भी निभाया अहम दायित्व दिल्ली की सियासत में पिछले 18 साल से वो किसी न किसी रूप में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. वह 2007 में उत्तर पीतमपुरा से पार्षद बनीं. 2007-09 तक एमसीडी में महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की दो साल तक अध्यक्ष रहीं. 2009 में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव रहीं. 2015 में लड़ा विधानसभा चुनाव 2010 में भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य की जिम्मेदारी दी. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता ने किसमत आजमाई, लेकिन दोनों बार उन्हें सफलता नहीं मिली. रेखा गुप्ता को 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से ही बीजेपी ने चुनाव में उतारा था. दो बार मिली असफलता के बाद चखा जीत का स्वाद 2015 में उन्हें आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने करीब 11 हजार वोटों से हराया तो वहीं 2020 में उनकी हार का अंतर 3400 वोट के करीब था. 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वंदना कुमारी को बड़े अंतर से हरा दिया.