मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में रंगपंचमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस पावन अवसर पर भगवान महाकालेश्वर को केसर युक्त जल अर्पित किया गया. सबसे पहले सुबह की भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया. इसके लिए उन्हें एक लोटा केसर जल अर्पित किया गया और उसके बाद रंग पंचमी पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में रंगपंचमी के पर्व पर परंपरा का उचित निर्वहन करने के लिए भस्म आरती में भगवान श्री महाकालेश्वर को प्रतीकात्मक रूप से एक लोटा केसर जल अर्पित किया गया|
उन्होंने बताया कि उक्त केसर जल और केसर रंग मंदिर की कोठार शाखा द्वारा भस्मआरती पुजारी और शासकीय पुजारी को उपलब्ध कराया गया. इस बीच श्री महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालु किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल लेकर प्रवेश नहीं कर सके, जिससे वे एक-दूसरे को रंग-गुलाल नहीं लगा सके. श्रद्धालुओं को चेकिंग के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया गया. श्रृंगार के बाद भस्म लगाई गई बुधवार को भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का भस्म से श्रृंगार किया गया।
इस श्रृंगार का हजारों श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। आज चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः 4 बजे मनाई गई। भस्मआरती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत से पूजन कर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल का श्रृंगार करने के बाद उन्हें पुनः भस्म लगाई गई, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया। ऐसे हुआ श्रृंगार विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर आज प्रातः 4 बजे बाबा महाकाल जाग गए।
भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल और फिर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि के पंचामृत से स्नान कराया गया। फिर प्रथम घंटी बजाई गई और हरिओम जल अर्पित किया गया। पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में डूबकर इस श्रृंगार के दर्शन किए। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई और फिर कपूर आरती की गई।